Updated: Thu, 04 Sep 2025 12:15 PM (IST)
पटना में औषधि नियंत्रण प्रशासन ने नकली दवाओं का खुलासा किया है। शहर की 16 दुकानों के लाइसेंस रद कर दिए गए हैं क्योंकि वे बीपी शुगर और एंटीबायोटिक जैसी गंभीर बीमारियों के लिए नकली दवाएं बेच रहे थे। जांच में पता चला कि कुछ दुकानदार बिना बिल के दवाएं बेच रहे थे और नकली रैपर का इस्तेमाल कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी पटना में नकली दवाओं का बड़ा खेल बेनकाब हुआ है। औषधि नियंत्रण प्रशासन की छापेमारी और लैब जांच में सामने आया कि शहर की कई दुकानों पर गंभीर बीमारियों की नकली दवाएं धड़ल्ले से बेची जा रही थीं। इनमें बीपी, शुगर, एंटीबायोटिक, एलर्जी, गैस की दवाएं और इंजेक्शन तक शामिल हैं।
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जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर 16 मेडिकल दुकानों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। औषधि नियंत्रण प्रशासन की टीम ने हाल में छापेमारी कर 38 से अधिक दवाओं के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे थे। रिपोर्ट आने पर खुलासा हुआ कि अधिकांश दवाएं टेस्ट में फेल हो गईं। इनमें टेल्मा-40 (बीपी), एंटीबायोटिक टैबलेट, गैस कैप्सूल, एलर्जी सिरप और कई तरह के इंजेक्शन शामिल हैं।
नकली रैपर और कच्चे बिल से कारोबार
अधिकारियों के अनुसार कई दुकानदार उत्तराखंड से कच्चे बिल पर दवाएं मंगाकर बेच रहे थे। नामी ब्रांड की आड़ में नकली रैपर लगाकर दवाओं को बाजार में उतारा जा रहा था। जांच में यह भी पाया गया कि कई दवाओं में जरूरी साल्ट भी मौजूद नहीं थे। कई दवाओं के रैपर ब्रांडेड कंपनियों के समान नामों का इस्तेमाल कर तैयार किए गए थे।
औषधि विभाग ने लोगों से अपील की है कि दवा खरीदते समय बिल और लेबल की जांच अवश्य करें। किसी भी संदिग्ध दवा की जानकारी तुरंत नजदीकी औषधि नियंत्रण कार्यालय या पुलिस को दें।
जीवनरक्षक दवाओं के इंजेक्शन भी हुए फेल
औषधि विभाग की ओर से सेंट्रल ड्रग लेबोरेट्री, कोलकाता से जांच कराई गई। इसमें डेक्सामिथासोन, जेंटामाइसिन इंजेक्शन जैसी जीवन रक्षक दवाएं भी टेस्ट में फेल मिली। लैब रिपोर्ट के आधार पर औषधि विभाग ने दुकानदारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए और तत्काल 16 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस रद कर दिए।
जिन दुकानों पर कार्रवाई हुई उनमें प्रमुख हैं: पीएमएस मेडिकल स्टोर, केके मेडिको, सन्नी मेडिकल, अमर इंटरप्राइजेज, कैजेम इंटरप्राइजेज, मधु फार्मा, महालक्ष्मी मेडिको, सिन्हा केयर बायोसाइंस प्राइवेट लिमिटेड, साक्षी इंटरप्राइजेज, रानी फार्मा, अंशुल मेडिकल सेंटर, सिंडिकेट फार्मा सहित अन्य शामिल है।
जारी रहेगा नकली दवाओं के खिलाफ अभियान
औषधि नियंत्रक विभाग ने स्पष्ट किया है कि नकली दवाओं के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। इसके लिए हर क्षेत्र में सहायक औषधि नियंत्रक के नेतृत्व में टीम गठित कर दुकानों में छापेमारी करते है। छापेमारी में संदिग्ध दवाओं के सैंपल जमाकर लैब जांच के लिए भेजा जाता है। जांच में मानक पर खरा नहीं उतरने वाली दवाओं को लेकर संबंधित दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
सहायक औषधि नियंत्रक चुनेंद्र महतो ने बताया कि लैब से आएं रिपोर्ट के आधार पर संबंधित दुकानदारों के लाइसेंस रद किए गए हैं। इसमें आधा दर्जन से अधिक के खिलाफ एफआईआर भी कराई गई है।
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