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    Bihar News: एक दर्जन नेता-ठेकेदार ईओयू के निशाने पर, पेश नहीं होने पर जारी होगा वारंट; जानिए मामला

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 08:22 PM (IST)

    आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान विधायकों को प्रलोभन देने के मामले की जांच तेज कर दी है। जांच में नेता ठेकेदार और बालू माफिया समेत एक दर्जन संदिग्धों के नाम सामने आए हैं। ईओयू सबूत जुटा रही है और विधायकों के करीबियों से भी पूछताछ की तैयारी में है। जो लोग पूछताछ के लिए नहीं आ रहे उनके खिलाफ वारंट जारी किया जाएगा।

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    विधायक प्रलोभन मामले में एक दर्जन नेता-ठेकेदार ईओयू के निशाने पर

    राज्य ब्यूरो, पटना। पिछले साल फरवरी में नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने तेज कर दी है। अब तक की जांच में विधायकों को प्रलोभन देने के मामले में एक दर्जन संदिग्धों के नाम सामने आए हैं।

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    इनमें नेता, ठेकेदार, बालू माफिया आदि भी शामिल हैं, जिनके पैसे का इस्तेमाल इस मामले में होने का संदेह है। ईओयू इनके विरुद्ध बयान और साक्ष्य जुटा रही है, जिसके बाद इन्हें नोटिस देने की कार्रवाई शुरू होगी।

    इसके अलावा, मामले में अब तक पूछताछ के लिए बुलाए गए विधायकों के करीबी जैसे उनके सहयोगी, ड्राइवर आदि से भी ईओयू पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।

    ईओयू ने अब तक इस मामले में परबत्ता विधायक डॉ. संजीव, पूर्व विधायक बीमा भारती और मुख्य अभियुक्त इंजीनियर सुनील समेत आधा दर्जन लोगों से पूछताछ की है। वहीं, भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव नोटिस देने के बाद भी सोमवार को ईओयू के सामने हाजिर नहीं हुए हैं।

    ईओयू ने मंगलवार को इंजीनियर सुनील को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया था मगर वह भी नहीं पहुंचे। ईओयू सूत्रों के अनुसार, इंजीनियर सुनील ने व्यस्तता का हवाला देते हुए एक दिन का अतिरिक्त समय मांगा है। वह बुधवार को ईओयू कार्यालय पहुंच सकते हैं।

    वहीं, विधायक मिश्रीलाल यादव को नोटिस देकर 22 अगस्त को बुलाया गया है। इसके अलावा विधायकों के तीन-चार सहयोगियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है, मगर वह भी ईओयू कार्यालय आने में आना-कानी कर रहे।

    ईओयू अधिकारियों के अनुसार, जो लोग पूछताछ के लिए नहीं पहुंच रहे, उनके विरुद्ध कोर्ट से वारंट लिया जाएगा। मालूम हो कि मधुबनी के हरलाखी से जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने इस मामले में फरवरी 2024 में पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

    इसमें जदयू विधायक ने आरोप लगाया था कि हाजीपुर में रहने वाले उनके रिश्तेदार रंजीत कुमार ने वॉट्सऐप कॉल कर उन्हें बताया कि इंजीनियर सुनील कुमार आए हैं और बात करना चाहते हैं। बात करने पर ई. सुनील कुमार ने उन्हें प्रलोभन दिया और कहा कि आप महागठबंधन के साथ आ जाइए।