बिहार में डायल 112 सेवा लागू होने के बाद दंगा मामलों में आई भारी कमी, जानिए हर दिन आती हैं कितनी कॉल
बिहार में डायल 112 सेवा लागू होने के बाद दंगा के मामलों में भारी कमी आई है। डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि पहले 14 हजार मामले थे जो अब 3 हजार रह गए हैं। डायल 112 पर प्रतिदिन 70 हजार कॉल आ रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में 40 लाख लोगों को मदद मिली है जिसमें मारपीट घरेलू हिंसा सड़क दुर्घटना और आग लगने की घटनाएं शामिल हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में डायल 112 सेवा लागू होने के बाद दंगा मामलों की संख्या घटकर एक चौथाई से भी कम रह गई है। डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि तीन साल पहले राज्य में दंगा के करीब 14 हजार मामले थे, जो अब घटकर तीन हजार रह गए हैं।
बता दें कि डायल 112 पर हर दिन 70 हजार कॉल आ रहे हैं। त्योहारों के समय कॉल की संख्या दोगुनी हो जाती है। डायल-112 सेवा के तीन साल पूरे होने पर कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में डीजीपी ने यह जानकारी दी। इस मौके पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत भी किया गया।
डीजीपी ने बताया कि वर्तमान में डायल-112 सेवा का रिस्पांस टाइम 15 मिनट है, जिस मानक पर बिहार देश में तीसरे स्थान पर है। पिछले तीन साल में इसकी मदद से 40 लाख लोगों को मदद पहुंचाई गई है। इसमें सबसे ज्यादा 22 लाख मामले मारपीट, भूमि विवाद और झड़प के हैं।
इसके बाद साढ़े तीन लाख से अधिक मामले घरेलू हिंसा, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से जुड़े थे, जिनमें तत्काल मदद पहुंचाई गई। वहीं, 1.84 लाख सड़क दुर्घटना और 1.15 लाख अग्निकांड के मामलों में डायल-112 के जरिए मदद पहुंचाई गई है।
इसके अलावा सुरक्षित यात्रा सुविधा के तहत अकेली महिलाओं को मदद पहुंचाई जा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि डायल-112 आपकी मदद के लिए है। इस टीम का सहयोग करें। हमले से जनता को ही नुकसान होगा।
डीजीपी ने कहा कि आने वाले समय में डायल-112 को और मजबूत करने की योजना है। भूकंप और इमरजेंसी के लिए मिरर इमरजेंसी सेंटर के जरिए कॉल रिसीव कर मदद पहुंचाई जाएगी। इसके लिए मैनपावर भी बढ़ाया जाएगा। राजीव नगर में कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है।
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