IGIMS में कंट्रास्ट खत्म, लौटाए जा रहे सीटी स्कैन कराने पहुंचे मरीज
पटना के आइजीआइएमएस में सीटी स्कैन के लिए जरूरी कंट्रास्ट की कमी हो गई है। इस वजह से मरीजों को परेशानी हो रही है खासकर उन्हें जिन्हें डाई वाले सीटी स्कैन की जरूरत है। अस्पताल में रोजाना बड़ी संख्या में मरीज आते हैं जिनमें से कई को सीटी स्कैन की सलाह दी जाती है। कंट्रास्ट की कमी से स्कैन की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

जागरण संवाददाता, पटना। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस), पटना में सीटी स्कैन में इस्तेमाल होने वाला कॉन्ट्रास्ट खत्म हो गया है। इस कारण सीटी स्कैन कराने आने वाले मरीजों को परेशानी हो रही है। सामान्य सीटी स्कैन आसानी से हो जा रहा है, जबकि कॉन्ट्रास्ट (डाई) वाले सीटी स्कैन की जरूरत वाले मरीजों को लौटा दिया जा रहा है।
आइजीआइएमएस के ओपीडी में प्रतिदिन औसतन चार से पांच हजार मरीज आते हैं। इसमें से प्रतिदिन 200-250 मरीजों को सीटी स्कैन और एमआरआइ की सलाह दी जाती है। पूरे पेट के सीटी स्कैन के लिए मरीजों को 80-100 एमएल डाई दी जाती है, जबकि ब्रेन कॉन्ट्रास्ट सीटी के लिए 40-60 एमएल की जरूरत होती है। इस तरह प्रतिदिन 100 एमएल डाई के 50-60 वायल की जरूरत होती है।
पिछले दो-तीन दिनों से डाई खत्म होने के कारण मरीजों को लौटाया जा रहा है। मामले को लेकर निदेशक डॉ. बिंदे कुमार ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है, रेडियोलॉजी विभाग में किसी सामग्री की कमी नहीं है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल से बात करें, उनके पास अपडेट जानकारी होगी। इस मामले में डॉ. मनीष मंडल का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।
रंगाई से तस्वीर साफ
विशेषज्ञों के अनुसार, सीटी स्कैन की तस्वीर साफ़ करने और उसकी गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए रंगाई का इस्तेमाल किया जाता है। अगर कंट्रास्ट उपलब्ध न हो, तो स्कैन की गुणवत्ता अपेक्षाकृत कम होती है।
कहा जाता है कि कंट्रास्ट रंगाई, ख़ास तौर पर रक्त वाहिकाओं, अंगों और ऊतकों की, साफ़ तस्वीरें देने में मदद करती है। अगर कंट्रास्ट उपलब्ध न हो, तो ये संरचनाएँ साफ़ दिखाई नहीं देतीं। इससे इलाज में सटीक जानकारी मिलना मुश्किल हो जाता है।
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