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    बिहार में अब एक-एक गोली का देना होगा जवाब, कारतूसों की बढ़ेगी निगरानी; गृह विभाग ने कर ली तैयारी

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 08:47 PM (IST)

    पटना में शस्त्र लाइसेंस धारकों और दुकानदारों के लिए कारतूस की खरीद-बिक्री पर निगरानी बढ़ाई गई है। गृह विभाग ने डीएम को पत्र लिखकर सख्ती से अनुपालन का निर्देश दिया है। कारतूस का हिसाब देना होगा और एक निश्चित फॉर्म भरना होगा जिसमें लाइसेंस और कारतूसों की संख्या का उल्लेख होगा। कारतूस बिक्री से पहले 10 सवालों के जवाब देना अनिवार्य है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। शस्त्र दुकानदारों से लेकर लाइसेंसी हथियारधारकों तक कारतूस की खरीद-बिक्री की निगरानी बढ़ाई जाएगी। हर खरीद-बिक्री से पहले एक-एक कारतूस का हिसाब देना होगा।

    हथियारधारकों के पास पहले से मौजूद कारतूस कहां इस्तेमाल हुई और नई कारतूस का इस्तेमाल कहां करना है, ऐसी कई जानकारी भी अब देनी होगी। इस बाबत गृह विभाग ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर सख्ती से इसका अनुपालन कराने का निर्देश दिया है।

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    इसके लिए एक निश्चित फॉर्म जारी किया गया है, जिसमें शस्त्र लाइसेंस से लेकर धारित कारतूसों की संख्या तक का उल्लेख करना होगा।

    गृह विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को कारतूसों की बिक्री पर नजर रखने के लिए शस्त्र दुकानों की नियमित जांच कराने का निर्देश भी दिया गया है। इसके साथ ही लाइसेंसी हथियारधारकों को भी निर्धारित कारतूस की अधिकतम संख्या के अधीन ही कारतूस की बिक्री किए जाने का निर्देश दिया गया है। इस आदेश की प्रति सभी जिलों के एसपी को भी भेजी गई है।

    गृह विभाग ने अपने निर्देश में गृह मंत्रालय के 2019 के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि आग्नेयास्त्र के दुरुपयोग पर प्रभावी नियंत्रण के लिए हर्ष फायरिंग पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जा चुकी है। ऐसे में आग्नेयास्त्र के दुरुपयोग पर प्रभावकारी रोकथाम के लिए कारतूस की खरीद-बिक्री को नियंत्रित किया जाना जरूरी है। डीएम के स्तर से इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाए।

    कारतूस बिक्री से पहले देने होंगे दस सवालों के जवाब

    गृह विभाग की ओर से कारतूस की बिक्री के लिए नया फॉर्म जारी किया गया है, जिसे अनिवार्य रूप से भरना होगा। इसमें दस सवालों का जवाब देने के बाद ही कारतूसों की बिक्री की अनुमति मिलेगी। इसमें लाइसेंसधारी हथियारधारकों को पहले लिए गए कारतूसों का खोखा भी देना होगा।

    उन कारतूसों के उपयोग का विवरण भी मांगा जाएगा। कारतूस खरीदते समय लाइसेंसधारी के पास पहले से कितने कारतूस हैं, वर्तमान में कारतूस खरीदने का आधार क्या है, इसकी जानकारी भी देनी होगी।

    इसके अलावा शस्त्र लाइसेंसधारी का नाम एवं स्थायी पता, लाइसेंस संख्या, आधार संख्या की जानकारी के साथ एक पंचांग वर्ष में खरीद की निर्धारित अधिकतम संख्या और एक समय में कारतूस धारित करने की अधिकतम संख्या का भी उल्लेख करना होगा। राज्य में करीब 80 हजार लाइसेंसी हथियारधाकर हैं, जबकि 140 से अधिक शस्त्र की दुकानें हैं।