Updated: Tue, 10 Jun 2025 04:26 PM (IST)
पटना में पुलों के रखरखाव को लेकर पथ निर्माण विभाग ने एक नई नीति बनाई है। ब्रिज हेल्थ इंडेक्स (बीएचआई) के आधार पर पुलों की मरम्मत की प्राथमिकता तय की जाएगी। बीएचआई का मान 0 से 100 के बीच होगा और कम बीएचआई वाले पुलों को अधिक जर्जर माना जाएगा। पुलों की भौतिक स्थिति का आकलन करने के लिए नॉन डिस्ट्रक्टिव टेस्ट और सेंसर डेटा का उपयोग किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, पटना। ब्रिज हेल्थ इंडेक्स (बीएचआई) के आधार पर पुलों के रख-रखाव की प्राथमिकता तय होगी। बीएचआई का वैल्यू शून्य से सौ के बीच होगा। जिस पुल का बीएचआई कम होगा, वह अधिक जर्जर माना जाएगा।
पुलों के रख-रखाव को ले पथ निर्माण विभाग द्वारा बनायी गयी नीति में इस बात का प्रविधान किया गया है।
इस तरह से आगे बढ़ेगी मरम्मत की योजना
पुलों की भौतिक स्थिति का आधार बीएचआई से तय होगा। इसके तहत जो पुल अधिक जर्जर पाए जाएंगे, उनके लिए मेंटेनेंस प्रायोरिटी इंडेक्स (एमपीआई) बनेगा। एमपीआई के माध्यम से पुलों की ज्योमिट्री, निधि के उपयोग, पुल के डिजायन के कारकों, रख-रखाव की तात्कालिकता, पुल के महत्व आदि को देखा जाएगा।
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पुल के विभिन्न घटकों की भौतिक स्थिति का आकलन नॉन डिस्ट्रक्टिव टेस्ट, सेंसर डाटा रिपोर्ट या फिर अन्य माध्यम से किया जाएगा। मरम्मत की प्रकृति सात श्रेणी में तय होगी पुलों के मरम्मत की प्रकृति सात श्रेणी के तहत तय की जाएगी।
इनमें प्रारंभिक सुधार, सामान्य संधारण, सामयिक संधारण, लघु सुधार, विशेष मरम्मत, असाधारण मरम्मत तथा अप्रत्याशित मरम्मत शामिल हैं। इनमें प्रारंभिक सुधार कार्य, विशेष मरम्मत का काम आइटम रेट के आधार पर किया जाएगा।
वहीं, नियमित संधारण एसं सामयिक संधारण प्रति मीटर की दर से किया जाएगा। पुलों के प्रबंधन की प्रक्रिया सेतु प्रबंधन उपभाग तथा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा सभी पुलों के हेल्थ कार्ड का संधारण बीएचआई में दर्ज पैमाने के आधार पर तय किया जाएगा।
प्रबंधन के तहत तीन मुख्य घटक होंगे
पुलों के प्रबंधन के अंतर्गत तीन मुख्य घटक होंगे। पहला घटक ब्रिज डाटा संग्रह का होगा। इसके तहत पुलों का विजुअल निरीक्षण, सेंसर व ड्रोन का उपयोग कर ब्रिज डाटा का संग्रह किया जाएगा। दूसरे घटक के तहत पुलों की वास्तविक स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा।
इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा मशीन लर्निंग का इस्तेमाल होगा। तीसरे घटक के तहत विश्लेषण के आधार पर पुलों के अनुरक्षण का काम किया जाएगा। रियल टाइम मॉनिटरिंग भी इसमें शामिल है।
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