Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar News: अब पुराने केवाला और रसीद पढ़ने में नहीं होगी परेशानी, कैथी लिपि का देवनागरी में अनुवाद कराएगा राजस्व विभाग

    By Arun Ashesh Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sat, 05 Jul 2025 09:21 AM (IST)

    राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग कैथी लिपि में मौजूद भूमि दस्तावेजों का देवनागरी में अनुवाद कराएगा। इसके लिए डिजिटल इंडिया भाषिणी प्रमंडल के साथ करार हुआ है। मुख्य सचिव ने इसे सराहनीय पहल बताया है जो प्रशासनिक समस्याओं का समाधान करेगी। पुराने अभिलेखों को पढ़ना अब आसान होगा। भाषिणी के साथ सहयोग बिहार सरकार के कई विभागों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।

    Hero Image
    राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग कैथी लिपि में मौजूद भूमि दस्तावेजों का देवनागरी में अनुवाद कराएगा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जागरण। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग कैथी लिपि में दर्ज भूमि संबंधी दस्तावेजों का देवनागरी में अनुवाद कराएगा। इसके लिए शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन डिजिटल इंडिया भाषिणी प्रमंडल (डीआईबीडी) के साथ करार हुआ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भाषिणी प्रमंडल के सीईओ अमिताभ नाग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने इस पर हस्ताक्षर किए। करार को लेकर आयोजित समारोह में मुख्य सचिव अमृत लाल मीना ने कहा कि यह काफी सराहनीय शुरुआत है।

    भाषिणी के साथ सहयोग बिहार सरकार के कई विभागों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। प्रशासनिक व अन्य समस्याओं का तकनीकी समाधान निकाला जा सकेगा। कैथी लिपि में कई दस्तावेज ऐसे हैं, जिन्हें पढ़ने के लिए सेवानिवृत्त कर्मियों पर निर्भरता है।

    उन्होंने पाली लिपि को हिंदी व अंग्रेजी में रूपांतरित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने बिहार स्पेसिफिक हैकाथॉन शुरू करने का भी निर्देश दिया।

    राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि यह पहल विशेष सर्वेक्षण की वर्तमान प्रक्रिया में भी सहायक होगी। क्योंकि अधिकांश पुराने कैडस्ट्रल व रिविजन सर्वेक्षण अभिलेख कैथी लिपि में हैं, जिन्हें पढ़ना काफी कठिन है।

    कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव बी राजेंद्र, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बाम्हरा समेत सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

    डीआइबीडी की ओर से राजस्व सर्वेक्षण प्रशिक्षण संस्थान में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न तकनीकी विशेषज्ञों, अधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों के कर्मियों ने भाग लिया।