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    Bihar Police: थ्री-नॉट-थ्री राइफल की होगी विदाई, बिहार पुलिस चलाएगी ऑटोमैटिक हथियार

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 07:25 PM (IST)

    बिहार पुलिस के बेड़े से पुरानी थ्री-नॉट-थ्री राइफलें अब हटाई जा रही हैं। पुलिसकर्मियों को छोटे और आधुनिक हथियार दिए जा रहे हैं ताकि जनता के बीच हथियारों का प्रदर्शन कम हो। पुलिस आधुनिकीकरण के तहत एके-47 और एके-203 जैसे हथियार शामिल किए गए हैं। नए सिपाहियों को प्रशिक्षण देने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। यह कदम पुलिस की छवि सुधारने के लिए उठाया गया है।

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    थ्री-नॉट-थ्री राइफल की होगी विदाई, पुलिस चलाएगी ऑटोमैटिक हथियार

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस (Bihar Police) के बेड़े में दशकों से शामिल थ्री-नॉट-थ्री राइफल अब विदाई के कगार पर है। सिपाहियों के कंधे पर टंगी लंबी थ्री नॉट थ्री राइफल की जगह पहले एसएलआर 7.62 एमएम राइफल ने ले ली और अब पुलिस पदाधिकारियों को छोटे अत्याधुनिक पिस्टल व अन्य ऑटोमैटिक हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

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    ग्रामीण समेत जिन थोड़े-बहुत जगहों पर थ्री नाट थ्री राइफल प्रचलन में हैं, उन्हें भी धीरे-धीरे हटाने की योजना पर काम चल रहा है। इसका उद्देश्य पुलिस आधुनिकीकरण तो है ही, जनता के बीच पुलिस की बेहतर छवि भी पेश करना है।

    दरअसल, पुलिस मुख्यालय ने नई नीति बनाई है जिसके तहत जनता के बीच जाने पर हथियारों का बेवजह इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया गया है। इसी नीति के तहत विधि-व्यवस्था और सामान्य गश्ती के क्रम में पुलिसकर्मियों को बड़े हथियारों की जगह अब छोटे हथियार दिए जा रहे हैं।

    यह हथियार आसानी से जनता की नजर में नहीं आते। इसके अलावा अत्याधुनिक होने के कारण अपराधियों को जवाब देना भी आसान होता है।

    अपर पुलिस महानिदेशक (प्रोविजनिंग) अजिताभ कुमार ने बताया कि बिहार पुलिस को सेमी ऑटोमैटिक हथियार उपलब्ध कराने के साथ ही अब बड़ी संख्या में ऑटोमैटिक हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

    इनमें एके-47, ब्लाक पिस्टल, 7.62 एमएम असाल्ट राइफल, 7.62 एसएलआर राइफल, 5.66 एमएम इंसास और 9 एमएम आटो पिस्टल जैसे अत्याधुनिक शस्त्र शामिल हैं। विदेशों के अलावा भारत में निर्मित हथियार भी पुलिसकर्मियों को दिए जा रहे हैं। इनमें एके-47 की तरह भारत में बनने वाला एके-203 शामिल है।

    पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के लिए भी पर्याप्त हथियार और गोलियां उपलब्ध कराई जा रही हैं। हाल ही में नियुक्त हुए 21 हजार से अधिक सिपाहियों को हथियारों का प्रशिक्षण देने के लिए सेना और केंद्रीय बलों से ट्रेनिंग राइफल मंगाई गई है, ताकि वह निशाना लगाने का अभ्यास कर सकें। इसके अलावा बड़ी संख्या में डमी बुलेट भी मंगाए गए हैं।

    जनता के बीच पुलिस हथियारों का कम से कम प्रदर्शन और इस्तेमाल हो, यह नीति बनाई गई है। इस कारण पुलिस को गश्ती और विधि-व्यवस्था के दौरान छोटे और अत्याधुनिक हथियार दिए जा रहे हैं। पुलिसकर्मियों के लिए लगातार अत्याधुनिक हथियारों की खरीद हो रही है। - अजिताभ कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक (प्रोविजनिंग)

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