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    बिहार पुलिस भर्ती में सेटिंग कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश, इंजीनियर सहित दो गिरफ्तार

    By Ashish Shukla Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sun, 20 Jul 2025 08:59 AM (IST)

    पटना में बिहार पुलिस भर्ती में सेटिंग कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया और उनके पास से अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र बरामद किए। आरोपितों ने अभ्यर्थियों से पैसे लेकर सेटिंग कराने का दावा किया था लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। पुलिस अब अभ्यर्थियों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है।

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    पटना में बिहार पुलिस भर्ती में सेटिंग कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पटना। अपने नाम से सेटिंग कर अभ्यर्थियों को बिहार पुलिस भर्ती व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के नाम पर पिछले साल ठगी करने वाले गिरोह के दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।

    दोनों को रामकृष्ण नगर के भूपतिपुर मोड़ पर वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ा गया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने भूपतिपुर स्थित अग्रणी अपार्टमेंट में छापेमारी की।

    बिहार पुलिस भर्ती व अन्य सरकारी नौकरियों से संबंधित 45 अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र, चेक बुक व ब्लैंक चेक, तीन पीस वॉकी-टॉकी, तीन मोबाइल, बुलेट बाइक, एक कार, एक लैपटॉप, तीन बोर्ड, आधार कार्ड, अभ्यर्थी का एडमिट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस व डेबिट कार्ड बरामद किया गया है।

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    दोनों आरोपितों की पहचान नालंदा के राजगीर के साकेन नाहूब निवासी प्रेम प्रकाश पटेल व जमुई जिले के चकाई थाना क्षेत्र के कौरैया निवासी सुबोध कुमार यादव के रूप में हुई है।

    प्रेम प्रकाश ने पटना से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और कुछ दिनों तक एक निजी कंपनी में काम किया था। पुलिस उनके तीसरे साथी की तलाश में छापेमारी कर रही है। पुलिस दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। 

    शैक्षणिक प्रमाण पत्र और वॉकी-टॉकी देख पुलिस दंग

    सिटी एसपी पूर्वी परिचय कुमार ने बताया कि शुक्रवार रात करीब ढाई बजे मोहल्ला भूपति मोड़ के पास पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी। तभी बाइक सवार एक युवक की संदिग्ध गतिविधि देखकर उसे रोका गया। उसने अपना नाम सुबोध बताया और पता भी बताया।

    उसने बताया कि वह पास के अग्रणी अपार्टमेंट के ब्लॉक एक में फ्लैट नंबर 202 में रहता है। उसके मोबाइल की जांच करने पर उसमें बिहार पुलिस भर्ती के एडमिट कार्ड की तस्वीर थी। पूछताछ करने पर उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। फिर उसकी सूचना पर पुलिस उसके फ्लैट पर पहुंची। वहां प्रेम प्रकाश मिला।

    फ्लैट से अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्र और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले। पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनका सरगना कोई और है। दोनों बीच की कड़ी हैं। दोनों ने तीन महीने पहले यहाँ किराए पर फ्लैट लिया था।

    सेटिंग काम नहीं आई, सेट अभ्यर्थी मांग रहे पैसे

    प्रेम कुमार इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक निजी कंपनी में काम कर रहा था। उसी दौरान उसकी दोस्ती सुबोध से हो गई। दोनों ने बताया कि उनका बॉस अभ्यर्थियों की सेटिंग करता था। बिहार पुलिस भर्ती और सरकारी नौकरियों से जुड़े जितने भी शैक्षिक प्रमाण पत्र मिले हैं, वे सभी पिछले साल के हैं।

    उनका दावा है कि परीक्षा में सेटिंग के नाम पर अभ्यर्थियों से पैसे लिए गए थे, लेकिन गिरोह एक भी परीक्षा में सेटिंग नहीं कर पाया। इसी वजह से जिन अभ्यर्थियों से सरगना ने पैसे लिए थे, वे अपना पैसा वापस मांग रहे हैं। इसी वजह से ये लोग यहाँ छिपकर रह रहे थे।

    अभ्यर्थियों से 6-6 लाख की सेटिंग, दो लाख एडवांस

    दोनों ने बताया कि जिन 45 अभ्यर्थियों के मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र मिले हैं, उनसे दो-दो लाख रुपये एडवांस लिए गए थे। सेटिंग के ज़रिए सफलता मिलने पर छह-छह लाख रुपये लिए जाने थे। लेकिन, सेटिंग नहीं हो पाई। बदले में दोनों को दस प्रतिशत कमीशन मिलता था।

    शैक्षिक प्रमाण पत्रों के जरिए अभ्यर्थियों तक पहुंचेगी पुलिस

    बरामद वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल कहां हुआ? सरगना कौन है? इस गिरोह में कितने लोग हैं? दोनों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा।

    साथ ही, बरामद शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जाँच से पुलिस उन अभ्यर्थियों तक पहुँच सकेगी जिन्होंने सेटिंग के लिए इस गिरोह से संपर्क किया था। साथ ही, यह भी पता लगाया जा सकेगा कि क्या इन अभ्यर्थियों ने पिछले साल कांस्टेबल भर्ती में भाग लिया था या नहीं।