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    गरीब कैदियों की जमानत कराएगी सरकार, पैसे भी मिलेंगे; सरकार ने डीएम-एसपी को दिए निर्देश

    By Rajat Kumar Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 01 Jul 2025 10:34 AM (IST)

    बिहार सरकार अब गरीब कैदियों की जमानत के लिए आर्थिक मदद करेगी। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद राज्य सरकार ने डीएम-एसपी को निर्देश जारी किए हैं। जमानत मंजूर होने के सात दिन बाद भी रिहाई न होने पर जेल प्रशासन जिला विधिक सेवा प्राधिकार को सूचित करेगा। फिर प्राधिकार जांच कर जिला स्तरीय कमेटी के समक्ष मामला रखेगा जो जमानत राशि स्वीकृत करेगी।

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    बिहार सरकार अब गरीब कैदियों की जमानत के लिए आर्थिक मदद करेगी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार अब उन गरीब कैदियों की मदद करेगी, जिन्हें पैसे के अभाव में जमानत नहीं मिल पाती है। राज्य सरकार ऐसे गरीब कैदियों की जमानत राशि का इंतजाम कर उन्हें जेल से बाहर निकलवाएगी।

    केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को जारी आदेश के बाद गृह विभाग ने इस संबंध में सभी डीएम-एसपी को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। गरीब कैदियों की मदद के लिए पूरी एसओपी बना ली गई है। इसके लिए जिला से लेकर मुख्यालय स्तर पर अलग-अलग कमेटियों को जिम्मेदारी दी गई है।

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    नियमानुसार, अगर किसी कैदी की जमानत कोर्ट से मंजूर होने के सात दिन बाद भी रिहाई नहीं होती है, तो जेल प्रशासन ऐसे कैदियों को चिह्नित कर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को इसकी सूचना देगा।

    इसके बाद प्राधिकार के सचिव जांच करेंगे कि उस कैदी को आर्थिक मदद की जरूरत है या नहीं। इसके लिए प्रोबेशन अधिकारी या सिविल सोसाइटी के सदस्यों की मदद भी ली जा सकती है। यह पूरी जांच प्रक्रिया दस दिनों के अंदर पूरी करनी होगी।

    इसके बाद प्राधिकार के सचिव दो से तीन सप्ताह के अंदर ऐसे सभी मामलों को जिला स्तरीय कमेटी के समक्ष रखेंगे। विचाराधीन कैदियों के मामले में यह समिति प्रति कैदी अधिकतम 40 हजार रुपये की राशि की निकासी और संबंधित न्यायालय में इसके भुगतान की स्वीकृति देगी।

    सजायाफ्ता कैदियों के मामले में यह राशि 25 हजार रुपये होगी। इससे अधिक जमानत राशि होने पर अनुशंसा को राज्य स्तरीय निगरानी समिति के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। पांच सदस्यीय जिला स्तरीय सशक्त समिति में संबंधित जिले के डीएम और एसपी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, संबंधित जेल अधीक्षक या उपाधीक्षक और जिला जज द्वारा नामित एक जज शामिल होंगे।

    वहीं, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय समिति में विधि विभाग के सचिव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, जेल आईजी और पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सदस्य बनाया गया है।