Bihar Government: नीतीश सरकार ने अधिकारियों की कर दी मौज, खरीद सकेंगे 85 हजार तक का लैपटॉप
बिहार वित्तीय प्रशासन सेवा के अधिकारियों के लिए लैपटॉप टैबलेट और आईपैड खरीदने की सीमा अब 85 लाख रुपये तक बढ़ गई है। वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने इस बारे में आदेश जारी किया है। पहले यह सीमा 60 हजार रुपये थी। यह निर्णय ई-गवर्नेंस के तहत लिया गया है ताकि अधिकारी आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सकें।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार वित्तीय प्रशासन सेवा के पदाधिकारियों को लैपटॉप, टैबलेट, आईपैड की खरीद के लिए अब अधिकतम 85 लाख रुपये खर्च करने का अधिकार होगा। वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने इससे संबंधित निर्देश जारी कर दिया है।
पहले इसकी अधिसीमा 60 हजार रुपये निर्धारित थी। ई-गवर्नेंस के अंतर्गत सभी कोषागारों और मुख्यालय में कार्यरत पदाधिकारियों को लैपटाप देने का निर्णय वर्ष 2016 मेंं ही लिया गया था। उस समय बिहार वित्तीय प्रशासन सेवा को बिहार लेखा सेवा के नाम से जाना जाता था।
सॉफ्टवेयर और दूसरे एसेसरीज सहित तब इसके लिए संबंधित पदाधिकारी को 60 हजार रुपये तक खर्च करने का अधिकार था। अब वित्त विभाग ने निर्णय लिया है कि साइबर सुरक्षा और वित्तीय प्रबंधन से संबंधित कार्यों की विविधता के अनुरूप नवीनतम तकनीकी वाला लैपटॉप आवश्यक है, इसलिए खरीद राशि की अधिसीमा बढ़ाई गई है।
हालांकि, लैपटॉप आदि के लिए बीमा राशि मान्य नहीं होगी। इसकी खरीदारी पदाधिकारी द्वारा स्वयं की जाएगी और विपत्र जमा कर वे भुगतान प्राप्त करेंगे।
रखरखाव और अपग्रेड आदि अपने स्तर से ही करना होगा। यदि किसी पदाधिकारी को अन्य स्रोत से इसकी सुविधा अनुमान्य है तो वैसी स्थिति में वह मात्र एक स्रोत से मिल रही सुविधा का ही उपयोग कर सकेगा।
रंजन बने बिहार कैंसर केयर एंड रिसर्च सोसायटी के पहले मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी
दूसरी ओर, राज्य सरकार ने भारतीय राजस्व सेवा के सेवानिवृत अधिकारी रंजन कुमार ने बिहार कैंसर केयर एवं रिसर्च सोसायटी का मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी नियुक्त किया है। रंजन कुमार ने सोसायटी के प्रथम कार्यपालक के पद पर योगदान कर लिया।
उन्होंने विकास भवन में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत प्रत्यय के समक्ष यह पदभार ग्रहण किया। राज्य सरकार ने बिहार में कैंसर के बढ़ते मामलों के बाद इसके कारण, और बचाव के उपायों के लिए कैंसर केयर एवं रिसर्च सोसायटी का गठन किया है।
यह सोसायटी कैंसर की रोकथाम, चिकित्सा, कैंसर से बचाव के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान एवं अन्य कार्यक्रमों की समुचित प्रबंधन, समन्वय एवं अनुश्रवण करेगी। यहां बताएं कि राज्य में प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ से दो लाख लोग कैंसर की चपेट में आ रहे हैं।
सरकार ने माना है कि इसका प्रबंधन बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से बिहार में होमी भाभा कैंसर अस्पताल के सहयोग से कैंसर रोग पर नियंत्रण के लिए कार्य किया जा रहा हैं। राज्य के सभी जिलों में कैंसर स्क्रीनिंग का कार्यक्रम एवं छह मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कीमोथेरेपी की व्यवस्था एवं कैंसर की दवाओं की आपूर्ति भी इसी संस्थान के सहयोग से की जा रही है।
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