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    Bihar News: चुनाव से पहले आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों के लिए खुशखबरी, इस दिन पोशाक लेकर पहुंचेंगी जीविका दीदी

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 11:14 AM (IST)

    बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित 52 लाख बच्चों को पोशाक मिलेगी। जीविका समूह की महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्रों में पोशाक पहुंचाएंगी। वर्तमान में कपड़ों के लिए 400 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना है जिससे उन्हें लगभग 200 करोड़ रुपये का काम मिलेगा।

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    आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित 52 लाख बच्चों को पोशाक मिलेगी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले बिहार के आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित 52 लाख बच्चों को पोशाक मिलेगी। इसी साल एक जुलाई को जीविका और समाज कल्याण विभाग के समेकित बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) के बीच एक समझौता हुआ था कि जीविका समूह की दीदियां आंगनबाड़ी केंद्र आने वाले बच्चों के लिए दो जोड़ी पोशाक तैयार करेंगी। समझौते के तहत जीविका समूह को दो महीने के भीतर पोशाक तैयार करनी है।

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    जीविका दीदियां पोशाक लेकर पहुंचेंगी आंगनबाड़ी केंद्र

    समाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जीविका दीदियाँ खुद पोशाक लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुँचेंगी। इसे आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर बच्चों के बीच वितरित किया जाएगा। एक निश्चित तिथि पर इसे बच्चों के बीच वितरित किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी सीडीपीओ स्तर पर की जाएगी।

    संभावना है कि फिलहाल बच्चों के बीच एक जोड़ी पोशाक वितरित की जाएगी। कुछ महीनों बाद बच्चों को एक और जोड़ी पोशाक उपलब्ध कराई जाएगी। समझौते के तहत, आंगनवाड़ी केंद्र में आने वाले बच्चों को साल में दो जोड़ी कपड़े दिए जाने हैं।

    वर्तमान में कपड़ों के लिए 400 रुपये का सहयोग

    समाज कल्याण विभाग वर्तमान में आंगनवाड़ी केंद्र में नामांकित प्रत्येक बच्चे को कपड़ों के लिए 400 रुपये प्रदान करता है। पहले यह राशि 250 रुपये थी। इसके बावजूद, बच्चों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसी के चलते यह निर्णय लिया गया कि बच्चों को रेडीमेड कपड़े उपलब्ध कराए जाएँ।

    महिलाओं को सशक्त बनाने की योजना

    ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने की योजना भी इस योजना के केंद्र में है। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को उनके घर पर ही लगभग 200 करोड़ रुपये का काम उपलब्ध होगा।