2 बैंकों से 101 करोड़ गबन करने वाला शहनवाज गिरफ्तार, EOU ने पटना सिटी में दबोचा
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने पटना सिटी के मो. सैयद शहनवाज वजी को 101 करोड़ के गबन के आरोप में गिरफ्तार किया। वह अवामी को-ऑपरेटिव बैंक और वैशाली सहकारी विकास को-आपरेटिव बैंक में गबन में शामिल था। ईडी ने छापेमारी कर उसके दो सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने दो बैंकों से 101 करोड़ की राशि गबन करने के आरोपित मो. सैयद शहनवाज वजी को गुप्त सूचना पर पटना से गिरफ्तार किया है। वह पटना सिटी के खाजकलां थाने के सदर गली का रहने वाला है और पिछले चार वर्षों से फरार था।
उसके विरुद्ध ईडी में भी मामला दर्ज किया गया है। शहनवाज वजी से पूछताछ के आधार पर ईडी ने छापेमारी कर उसके दो अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया है।
ईओयू के अनुसार, सैयद शहनवाज वजी वर्ष 1998 से 2013 तक पटना के पीरबहोर इलाके में अवामी को-ऑपरेटिव बैंक में सहायक शाखा प्रबंधक और फिर शाखा प्रबंधक के रूप में कार्यरत था।
इसी दौरान उसने बैंक के अन्य कर्मियों, जीवन बीमा निगम के पदाधिकारियों एवं एजेंटों के माध्यम से पहले फर्जी एलआईसी पॉलिसी तैयार की है और फिर इस एलआईसी पॉलिसी के आधार पर फर्जी ऋण खाता खोलकर कुल 16.17 करोड़ की जमा राशि गबन कर ली। इस संबंध में पीरबहोर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज की थी जिसकी जांच 2024 में ईओयू ने शुरू की।
शहनवाज वजी ने कुछ ऐसा ही गबन बतौर शाखा प्रबंधक वैशाली सहकारी विकास को-आपरेटिव बैंक हाजीपुर में भी किया। यहां वर्ष 2014 से 2023 तक बैंककर्मियों व एलआईसी कर्मियों की मदद से आपराधिक षड्यंत्र कर 83.50 करोड़ की लोकनिधि गबन कर ली। इस संबंध में हाजीपुर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसकी जांच 2024 में ईओयू ने शुरू की।
शहनवाज के सहयोगी बैंककर्मी व एलआईसी एजेंट भी गिरफ्तार:
ईओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने पूरे मामले की कार्रवाई को विशेष टीम का गठन किया है। शहनवाज वजी की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में मिले साक्ष्यों के आधार पर ईओयू ने उसके दो अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया है।
इनमें अवामी को-ऑपरेटिव बैंक का कर्मचारी शौकत अली और पटना के मालसलामी का रहने वाला एलआईसी एजेंट रजनीकांत उर्फ गोपाल प्रसाद शामिल है।
ईओयू अधिकारियों के अनुसार, सौ करोड़ से अधिक के गबन मामले में शहनवाज वजी के अलावा दोनों बैंकों के कर्मी, एलआईसी के पदाधिकारी, कई अन्य एजेंट और दलाल शामिल हैं। इन सभी के विरुद्ध भी साक्ष्य जमा कर कार्रवाई की जाएगी।
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