Bihar Voter List: 'SIR पर राहुल गांधी के दोनों आरोप झूठे', चुनाव आयोग ने सबूत के साथ दिया जवाब
लोकसभा में राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूची से नाम हटाने के दावों को चुनाव आयोग ने गलत बताया है। रोहतास में रंजू देवी और उनके परिवार का नाम सूची में पाया गया। नवादा में सुबोध कुमार के मामले में हेराफेरी उजागर हुई क्योंकि उन्होंने नाम जुड़वाने में रुचि नहीं दिखाई थी।

राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रसारित वीडियो में महिला मतदाता रंजू देवी एवं सुबोध कुमार के नाम मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से हटाने को भारत निर्वाचन आयोग ने असत्य एवं निराधार बताया है।
आयोग द्वारा रोहतास के जिलाधिकारी से इसकी जांच कराकर उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि रंजू देवी सहित उनके पूरे परिवार का नाम प्रारूप सूची में प्रकाशित की गई है।
आयोग ने बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि महिला मतदाता रंजू देवी चेनारी विधानसभा क्षेत्र के नौहट्टा प्रखंड की निवासी है। इसमें रंजू देवी, पति सुधीर राम, बूथ संख्या 342 एवं मतदात सूची के क्रमांक संख्या 930 पर दर्ज है।
महिला मतदाता का ईपिक नंबर AQQ 1899913 है। इसके अलावा उसके परिवार के सुधार राम, अनिता देवी, सुशील राम, शिव गोविंद राम, सेमरी देवी, सत्येंद्र राम एवं वीरेंद्र राम का नाम भी बूथ संख्या 343 पर दर्ज है। इन सभी का नाम प्रकाशित प्रारूप मतदाता सूची में दर्ज है।
इधर, नवादा में मंगलवार को राहुल गांधी ने मंच पर बुलाकर सुबोध कुमार के बारे में दावा किया कि प्रारूप सूची से इनका का नाम भी हटा दिया गया है। इस मामले में भी जिला निर्वाचन अधिकारी एवं निर्वाचक निबंधन अधिकारी की जांच में सुबोध की हेराफेरी उजागर हुई है।
आयोग को नवादा के जिलाधिकारी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 29 अक्टूबर 2024, पहली जनवरी 2025 एवं पहली अगस्त 2025 को प्रकाशित प्रारूप सूची में सुबोध के परिवार के अन्य सदस्य का नाम दर्ज था।
सुबोध का नाम सूची में नहीं होने पर बीएलओ द्वारा नाम जुड़वाने का आग्रह किया गया, लेकिन उन्होंने रुचि नहीं दिखाई। यही नहीं, अभी तक नाम नहीं होने की सूचना के बावजूद नाम जुड़वाने के लिए आवेदन भी नहीं दिया।
बूथ पर बीएलओ द्वारा अनुपस्थित, मृत, दोहरे मतदाता सूची नाम के अतिरिक्त स्थायी रूप से प्रवासन करने वाले नामों की घोषणा एवं सूची चस्पा की गई थी। उस समय भी बूथ पर उपस्थित रहने के बावजूद सुबोध ने आवेदन नहीं दिया। इससे संबंधित फोटो भी आयोग ने सार्वजनिक कर दिया है।
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