जादू-टोना के शक में भाजपा कार्यकर्ता की दिनदहाड़े हत्या; नाबालिग और उसके दोस्त ने रचा षड्यंत्र, पिस्टल व कारतूस बरामद
पटना सिटी में भाजपा कार्यकर्ता शत्रुघ्न पासवान की हत्या का मामला उजागर हुआ। पुलिस जांच में पता चला कि एक नाबालिग और उसके दोस्त ने जादू-टोना के शक में ...और पढ़ें

जादू-टोना के शक में भाजपा कार्यकर्ता की दिनदहाड़े हत्या
जागरण संवाददाता, पटना सिटी(पटना)। पटना सिटी में आठ दिसंबर को हुए हत्या कांड ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया। खाजेकलां थाना क्षेत्र के दीवान मोहल्ला स्थित हमाम के पास भाजपा कार्यकर्ता और ठेला चालक शत्रुघ्न पासवान की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या करने का मामला अब पूरी तरह उजागर हो गया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इस वारदात को अंजाम किसी पेशेवर अपराधी ने नहीं, बल्कि एक नाबालिग और उसके दोस्त ने योजना बनाकर अंजाम दिया था। गुरुवार को पूर्वी एसपी परिचय कुमार ने प्रेस वार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दी।
पूर्वी एसपी के अनुसार, नाबालिग ने व्यक्तिगत प्रतिशोध में यह हत्या करवाई। चार माह पहले उसकी मां का निधन हुआ था, जिसके लिए वह शत्रुघ्न पासवान को जिम्मेदार मानता था।
नाबालिग का शक था कि शत्रुघ्न ने जादू-टोना कर उसकी मां की मौत कराई है। इसी अंधविश्वास और आक्रोश ने उसे इस चरम कदम तक पहुंचा दिया।
बताया गया कि आरोपी नाबालिग के परिवार और मृतक शत्रुघ्न पासवान के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। नाबालिग के परिजन अक्सर शत्रुघ्न के घर के सामने मवेशी बांधते थे, जिस पर दोनों पक्षों के बीच लगातार तनातनी होती रहती थी।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपी नाबालिग के पिता नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में जेल में बंद हैं।
पुत्र भी इस मामले में पकड़ा गया था, लेकिन नाबालिग होने के कारण उसे जमानत मिल गई थी। इन पारिवारिक परिस्थितियों ने भी उसके स्वभाव और मानसिकता पर प्रभाव डाला।
प्रतिशोध में नाबालिग ने अपने एक अन्य नाबालिग दोस्त के साथ मिलकर हत्या की पूरी योजना बनाई और आठ दिसंबर की दोपहर शत्रुघ्न पासवान को उसके घर के दरवाजे पर ही गोली मार दी।
हत्याकांड के बाद एसएसपी के निर्देश पर डीएसपी प्रथम डॉ. गौरव कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। पुलिस ने वैज्ञानिक अनुसंधान और स्थानीय जानकारी के आधार पर मुख्य आरोपी नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया।
उसकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल एक पिस्टल, एक मैग्जीन और दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए।
डीएसपी द्वितीय डॉ. गौरव कुमार ने बताया कि इस मामले में कुल चार लोगों को नामजद किया गया है। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अंधविश्वास और निजी रंजिश के कारण हुई इस घटना ने समाज को झकझोर दिया है। यह मामला न केवल अपराध की गंभीरता को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि जागरूकता की कमी किस तरह बड़ी घटनाओं का कारण बन जाती है।

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