Patna News: 66.31 करोड़ की लागत से बेउर एसटीपी तैयार, गंगा की स्वच्छता को मिलेगी धार
66.31 करोड़ की लागत से बेउर एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनकर तैयार हो गया है। इस परियोजना से गंगा नदी की स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा। बेउर एसटीपी गं ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पटना। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत राजधानी में गंगा संरक्षण और सीवरेज प्रबंधन को नई गति मिली है। बेउर क्षेत्र में 66.31 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया है। 43 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) क्षमता वाला यह एसटीपी गंगा नदी में गिरने वाले अशोधित सीवेज को रोकने में अहम भूमिका निभाएगा।
बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) की इस परियोजना के पूर्ण होने से गंगा की स्वच्छता और शहर के पर्यावरणीय स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
इस एसटीपी के चालू होने से बेउर सहित आसपास के इलाकों से निकलने वाले घरेलू और नगरीय अपशिष्ट जल का वैज्ञानिक तरीके से शोधन किया जाएगा। इससे पहले यह गंदा पानी सीधे नालों के माध्यम से गंगा में प्रवाहित हो रहा था, जिससे नदी का जल प्रदूषित हो रहा था। अब शोधन के बाद ही जल को नदी में छोड़ा जाएगा, जिससे जल की गुणवत्ता में सुधार होगा।
यह परियोजना नमामि गंगे कार्यक्रम के उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एसटीपी में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे कम ऊर्जा खपत में अधिक प्रभावी शोधन संभव होगा। साथ ही प्लांट के संचालन और रखरखाव के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि इसकी कार्यक्षमता लंबे समय तक बनी रहे।
पर्यावरणविदों का मानना है कि इस तरह की परियोजनाएं न केवल गंगा को स्वच्छ बनाने में सहायक होंगी, बल्कि शहरवासियों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर डालेंगी। गंगा के किनारे बसे इलाकों में जलजनित बीमारियों की आशंका कम होगी और जैव विविधता को भी संरक्षण मिलेगा। बेउर एसटीपी के पूरा होने को स्वच्छ गंगा, स्वस्थ भारत के संकल्प की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
पहाड़ी क्षेत्र में सीवरेज नेटवर्क और अत्याधुनिक एसटीपी का निर्माण भी हो चुका है पूरा
राजधानी के पहाड़ी क्षेत्र में 92 किलोमीटर लंबा सीवरेज नेटवर्क और 60 एमएलडी क्षमता का आधुनिक एसटीपी निर्माण कार्य हाल ही पूरा हुआ है। 212.14 करोड़ रुपये की लागत से बने सीवरेज नेटवर्क से 7,700 घरों को सीधा लाभ मिला है, जिससे जलनिकासी की समस्या दूर होगी।
इसके साथ ही 123.27 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन से गंदे पानी का उचित प्रबंधन संभव होगा और नागरिकों को बेहतर स्वच्छता सुविधा मिल सकेगी।

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