पटना एयरपोर्ट के आसपास पेड़ यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा, एक्सपर्ट्स और अधिकारियों ने जताई चिंता
जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास पेड़ों और खटालों से विमानों की सुरक्षा को खतरा है। विशेषज्ञों और अधिकारियों ने चिंता जताई है कि ये उड़ान और लैंडिंग में बाधा डाल सकते हैं। एयरपोर्ट के आसपास अवैध खटाल और कचरा पक्षियों को आकर्षित करते हैं जिससे बर्ड हिट का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन से कार्रवाई की मांग की गई है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

विद्या सागर, पटना। जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास बढ़ते पेड़ और बाउंड्री के पास खटाल यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गए हैं। विशेषज्ञों और हवाई अड्डा अधिकारियों ने इन समस्याओं को लेकर चिंता जताई है। ये विमानों की सुरक्षित उड़ान और लैंडिंग में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।
पटना हवाई अड्डे के चारदिवारी के आसपास नियमित छटाई नहीं होने से पेड़ पौधे बड़े हो गए हैं। मानसून ये पेड़ पक्षियों का बसेरा बना गया है। ये पेड़ न केवल उड़ान पथ में बाधा बन सकते हैं, बल्कि पक्षियों को आकर्षित करने का कारण भी बन रहे हैं, जो विमान इंजनों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
हाल ही में, पटना से दिल्ली जा रही इंडिगो फ्लाइट के पक्षी से टकराने की घटना ने इस समस्या की गंभीरता को उजागर किया था। पक्षियों के कारण बर्ड हिट का खतरा विमानों पर मड़रा रहा है।
एयरपोर्ट की चारदिवारी से सटे चले रहे अवैध खटाल
इसके अलावा फुलवारीशरीफ रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट की चारदिवारी के बीच अवैध रूप से बने खटाल और कचरे के ढेर पक्षियों की गतिविधियों को और बढ़ावा दे रहे हैं। ये खटाल न केवल पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि सुरक्षा नियमों को भी ताक पर रख रहे हैं।
हवाई अड्डा प्राधिकरण ने कई बार स्थानीय प्रशासन से इन खटालों को हटाने और पेड़ों की कटाई के लिए अनुरोध किया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
हवाई अड्डा पर्यावरण प्रबंधन समिति के एक अधिकारी ने बताया कि पक्षियों की बढ़ती गतिविधियां और बाउंड्री के पास अनियंत्रित निर्माण विमान संचालन के लिए खतरा हैं। यात्रियों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण यह समस्या बढ़ती जा रही है।
पटना एयरपोर्ट से प्रतिदिन हजारों यात्री यात्रा करते हैं। उनके के लिए यह स्थिति चिंताजनक है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो भविष्य में बड़ा हादसा हो सकता है।
प्रशासन को चाहिए कि वह त्वरित कार्रवाई करते हुए पेड़ों की कटाई और खटाल हटाने के लिए ठोस कदम उठाए, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। बता दें प्रमंडलीय आयुक्त ने पूर्व में बैठक के दौरान पटना एयरपोर्ट के आसपास पेड़-पौधों की नियमित छटाई के निर्देश भी दिए थे।
बर्ड हिट की प्रमुख घटनाएं
9 जुलाई 2025: इंडिगो फ्लाइट 6ई5009
पटना से दिल्ली जा रही इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6ई 5009 में उड़ान भरते ही बर्ड हिट की घटना हुई। विमान में 169 यात्री सवार थे। पायलट की सतर्कता के कारण विमान को तुरंत पटना हवाई अड्डे पर सुरक्षित लैंड कराया गया। सभी यात्री सुरक्षित रहे, और विमान की मरम्मत का कार्य शुरू किया गया।
बर्ड हिट का कारण हवाई अड्डे के आसपास फुलवारी शरीफ इलाके में अवैध कसाईखानों और मांस मंडियों के कारण पक्षियों की गतिविधि में वृद्धि को इस घटना का एक प्रमुख कारण माना गया।
19 जून 2022: स्पाइसजेट फ्लाइट
पटना से दिल्ली जा रही स्पाइसजेट की एक फ्लाइट में टेकआफ के तुरंत बाद बर्ड हिट के कारण इंजन में आग लग गई। विमान को तत्काल पटना हवाई अड्डे पर सुरक्षित लैंड कराया गया।
फ्लाइट में सवार 185 यात्रियों को कोई नुकसान नहीं हुआ, और आग को बुझा लिया गया। स्थानीय लोगों ने उड़ते विमान से धुआं उठते देखा और जिला प्रशासन को सूचित किया।
डीजीसीए ने प्रारंभिक जांच में बर्ड हिट को आग का कारण माना। इस घटना की उच्चस्तरीय तकनीकी जांच के आदेश दिए गए। बर्ड हिट का कारण कम ऊंचाई पर उड़ान के दौरान पक्षी का इंजन से टकराना माना गया।
बर्ड हिट की घटनाओं का मुख्य कारण
पक्षियों की मौजूदगी: पटना हवाई अड्डे के आसपास फुलवारी शरीफ जैसे क्षेत्रों में अवैध कसाईखाने, मांस मंडियां और कचरे का जमावड़ा पक्षियों को आकर्षित करता है। इससे बर्ड स्ट्राइक का खतरा बढ़ जाता है।
हवाई अड्डे की स्थिति: हवाई अड्डे के आसपास खुले मैदान और पानी के जमाव के कारण पक्षियों की संख्या में वृद्धि होती है।
नियंत्रण उपायों की कमी: एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने बिहार सरकार को इस समस्या के बारे में कई बार चेतावनी दी है, लेकिन ठोस कार्रवाई की कमी रही है।
प्रभाव:
सुरक्षा खतरा: बर्ड हिट से विमान के इंजन, विंडशील्ड या लैंडिंग गियर को नुकसान हो सकता है, जिससे बड़े हादसे का जोखिम रहता है।
उड़ान में देरी: इन घटनाओं के कारण विमानों को आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ती है, जिससे उड़ानें रद होती हैं या देरी होती है।
आर्थिक नुकसान: विमान की मरम्मत और उड़ान रद होने से एयरलाइंस को आर्थिक नुकसान होता है।
बर्ड हिट रोकने के उपाय
रडार और ड्रोन: हवाई अड्डों पर पक्षियों को दूर रखने के लिए रडार सिस्टम, ड्रोन, और एयर कैनन का उपयोग किया जाता है।
लेजर गन: कुछ स्थानों पर लेजर गन का उपयोग पक्षियों को भगाने के लिए किया जाता है।
स्वच्छता और नियंत्रण: हवाई अड्डे के आसपास कचरा प्रबंधन और अवैध कसाईखानों पर रोक लगाने की आवश्यकता है।
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