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    Air India Plane Crash: मां! लौटकर बात करते हैं... अब कभी नहीं लौटेगी पटना की एयर होस्टेस मनीषा

    Updated: Fri, 13 Jun 2025 08:46 PM (IST)

    फुलवारी शरीफ से खबर है कि एअर इंडिया की विमान दुर्घटना में मनीषा थापा की दुखद मौत हो गई। वह तीन साल से एअर होस्टेस थीं। गुरुवार को उड़ान से पहले मां से हुई बातचीत आखिरी साबित हुई। परिवार में शोक की लहर है। रिश्तेदार और चाचा ने बताया कि वह हंसमुख थी। परिवार मनीषा के शव की तलाश कर रहा है जिसकी पहचान मुश्किल है।

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    मां! लौटकर बात करते हैं... अब कभी नहीं लौटेगी मनीषा

    सैयद नकी इमाम, फुलवारी शरीफ। मां..! प्लेन टेकऑफ होने वाला है, लौटकर आएंगे तब बात करेंगे। ठीक है बेटा... हम भी जा रहे घर का काम समाप्त कर लें। गुरुवार को उड़ान से पहले मनीषा थापा की मां से यही अंतिम बात हुई। अब वह लौटकर बात करने कभी नहीं आएगी।

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    अहमदाबाद में एअर इंडिया का जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, उसमें वह भी सवार थी। मनीषा तीन वर्षों से एअर इंडिया में एअर होस्टेस थी। गुरुवार को लंदन के लिए उड़ान भरे विमान पर वह भी क्रू की एक सदस्य थी, जिसकी मौत हो गई।

    मां लक्ष्मी थापा से बातचीत के थोड़ी ही देर बाद उसके भाई को विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिली गई, जिसके बाद घर में कोहराम मच गया। उसके माता-पिता, भाई व अन्य रिश्तेदार तत्काल अहमदाबाद निकल गए। घर में क्रंदन और सभी के अचानक अहमदाबाद जाने से मनीषा की दादी शांति देवी को किसी अनहोनी की आशंका हुई।

    वे पूछ रही थीं कि क्या हुआ, पर उनसे यह बात छिपाई गई, पर पता चल ही गया। वह होली में आई थी और घर में खूब रंग जमा था। घर की सबसे बड़ी लड़की थी।

    मनीषा थापा का परिवार। फोटो- जागरण

    उसके रिश्तेदार रितेश थापा ने बताया कि अभी जाने से पहले ही उनकी दुकान से एक मोबाइल खरीद कर ले गई थी। काफी हंसमुख थी। यहां आने पर नाते-रिश्तेदारों से मिले बिना नहीं जाती थी। उसके चाचा-चाची, बुआ आदि पटना में ही रहते हैं।

    उसके चाचा बब्लू थापा ने बताया कि इस घटना से वे लोग टूट गए हैं। छोटे भाई-बहन सभी उदास हैं। बस मनीषा की फोटो देखे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में मनीषा के पिता से संपर्क में हैं। अब यही आस है कि बेटी का शव मिल जाए।

    भाई और भतीजे ने बताया कि हादसे में एक को छोड़ कोई नहीं बचा। न ही शव की हालत ऐसी है कि पहचान हो सके। मनीषा का परिवार पटना के जगदेव पथ महुआ बाग में रहता है। उसकी मां बदहवास है। अहमदाबाद से जानकारी दी गई कि पिता और भाई शव ढूंढने के लिए शवगृह के बाहर बैठे हैं।

    उसके भाई अमित थापा ने बताया कि बहन का शव नहीं मिल रहा। शवगृह में कुछ शव है, मगर उसकी पहचान कर पाना मुश्किल है। मनीषा के पिता राजू थापा बिहार पुलिस में एसआई (दारोगा) के पद पर बेगूसराय में तैनात हैं। चाचा बिहार सशस्त्र विशेष पुलिस बल-1 के गोरखा बटालियन में हैं। मनीषा 2017 में एअर होस्टेस बन गई थी। इससे पहले पटना में इंडिगो में थी।

    कोरोना के बाद एअर इंडिया में योगदान कर अहमदाबाद चली गई। वह तीन-चार माह पर छुट्टी में घर आती थी। वह लगभग प्रतिदिन दादी से बात करती थी।

    उसकी दादी ने बताया कि हमेशा कहती थी कि इस बार आएंगे तो तुम्हारे लिए यह सब लेकर आएंगे। मैं कहती थी, कुछ नहीं चाहिए, बस तू बता कि कब आएगी। अब तो वह कभी नहीं आएगी, कहते हुए रोने लगती हैं कि मेरी मनीषा से बात कराओ।