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    पटना एम्‍स में खुलेगी राज्‍य की पहली एक्यूट स्ट्रोक केयर यूनिट, 24 घंटे मिलेगी इलाज की सुविधा

    By Nalini Ranjan Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sat, 18 Oct 2025 05:45 PM (IST)

    पटना एम्स में राज्य की पहली एक्यूट स्ट्रोक केयर यूनिट खुलने जा रही है, जिससे स्ट्रोक के मरीजों को 24 घंटे इलाज मिलेगा। इस यूनिट के खुलने से मरीजों को तत्काल और बेहतर इलाज मिलने की संभावना बढ़ेगी, क्योंकि स्ट्रोक होने पर हर मिनट कीमती होता है। विशेषज्ञों की टीम उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगी।

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    स्ट्रोक अपडेट 2025 में शामिल एम्‍स के निदेशक व अन्‍य विशेषज्ञ। जागरण

    जागरण संवाददाता, पटना। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना में न्यूरोलाजी और न्यूरोसर्जरी विभागों की संयुक्त पहल पर  'स्ट्रोक अपडेट 2025' का आयोजन किया गया। शुभारंभ निदेशक डा. राजू अग्रवाल ने किया। मौके पर उन्होंने राज्य के पहले एक्यूट स्ट्रोक केयर यूनिट की स्थापना की औपचारिक घोषणा की। यह अगले कुछ महीने में कार्यरत हो जाएगा। इसमें स्ट्रोक रोगियों की 24 घंटे प्रोटोकाल और वैज्ञानिक साक्ष्य पर आधारित देखभाल की जाएगी। इसमें थ्रोंबोलिसिस और मैकेनिकल थ्रोंबेक्टोमी जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।

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    निदेशक ने कहा कि स्ट्रोक का समय पर इलाज न सिर्फ जान बचाता है, बल्कि रोगी की न्यूरोलाजिकल कार्यक्षमता को भी संरक्षित करता है। एम्स पटना की यह पहल पूरे राज्य में स्ट्रोक के खिलाफ लड़ाई का मजबूत आधार बनेगी। न्यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विकास चंद्र झा ने बताया कि भारत में 80 प्रतिशत स्ट्रोक इस्केमिक होते हैं। यदि शुरुआती घंटे में रोकथाम की जाए थ्रोंबोक्टोमी और ब्रिजिंग थेरेपी से मरीजों को जीवनरक्षक उपचार मिल सकता है। उन्होंने इसे बिहार के लिए 'काम्प्रिहेंसिव स्ट्रोक सेंटर' की ओर बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया।

    इस एक दिवसीय कार्यक्रम में राज्यभर से आए 200 से अधिक न्यूरोलाजिस्ट, न्यूरोसर्जन, सामान्य चिकित्सक एवं हेल्थ प्रोफेशनल शामिल हुए। वक्ताओं ने आपातकालीन ट्राइएज, त्वरित हस्तक्षेप, न्यूरो-रिहैबिलिटेशन और मल्टीडिसिप्लिनरी समन्वय की जरूरत पर बल दिया। एम्स के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि भविष्य में बिहार में एक पूर्ण विकसित कांप्रिहेंसिव स्ट्रोक सेंटर की स्थापना की योजना है, जहां एडवांस्ड न्यूरोइंटरवेंशन, इमरजेंसी रिस्पांंस और रिहैबिलिटेशन सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। मौके पर आइजीआइएमएस के पूर्व निदेशक डा. एके सिंह, एम्स की डीन अकादमिक डा. पूनम भदानी, चिकित्सा अधीक्षक डा. अनूप कुमार, मेडिसीन विभागाध्यक्ष डा. ज्योति प्रकाश, पीएमसीएच न्यूरोलाजी विभागाध्यक्ष डा. संजय कुमार, आइजीआइएमएस के डा. अशोक कुमार भी थे।