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    महागठबंधन में टिकट बंटवारे पर भड़के पप्पू यादव, रणनीति पर भी उठाए सवाल; कांग्रेस को दी नसीहत

    Updated: Mon, 20 Oct 2025 10:20 AM (IST)

    पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने महागठबंधन की रणनीति और टिकट बंटवारे की आलोचना करते हुए कहा कि 12 सीटों पर दोहरे उम्मीदवार उतारे गए हैं। उन्होंने गठबंधन में समन्वय की कमी बताई और कांग्रेस को आत्ममंथन करने की सलाह दी। पप्पू यादव ने कहा कि टिकट बंटवारा कार्यकर्ताओं की भावनाओं के खिलाफ है, जिससे भ्रम की स्थिति बनी है। उनके इस बयान से महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं।

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    गठबंधन पर पप्पू यादव का निशाना

    डिजिटल डेस्क, पटना। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद और जनता के बीच मजबूत पकड़ रखने वाले नेता पप्पू यादव ने महागठबंधन की रणनीति और टिकट बंटवारे को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि "राज्य में 12 स्थानों पर महागठबंधन ने दोहरे उम्मीदवार उतारे हैं। क्या इस तरह से कोई गठबंधन सफल हो सकता है?" उनके इस बयान से साफ है कि वह महागठबंधन की मौजूदा स्थिति से खासे असंतुष्ट हैं।

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    पप्पू यादव ने आगे कहा कि "गठबंधन की जिम्मेदारी जिनके हाथों में है, उन्हें समन्वय स्थापित करने की जरूरत है। जिस तरह से टिकट का बंटवारा हुआ है, वह पूरी तरह अव्यवस्थित और कार्यकर्ताओं की भावना के खिलाफ है। इससे सिर्फ भ्रम की स्थिति बनी है और जमीनी कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूटा है।"

    उन्होंने कांग्रेस पार्टी को भी स्पष्ट रूप से निशाने पर लिया और कहा, "कांग्रेस को अब आत्ममंथन करना चाहिए। यह सोचना होगा कि क्या वह जनभावनाओं के अनुरूप काम कर रही है या सिर्फ सत्ता की राजनीति में उलझी है।"

    पप्पू यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में महागठबंधन की एकजुटता को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। विभिन्न सीटों पर सीट शेयरिंग को लेकर असहमति और स्थानीय नेताओं की नाराजगी पहले से ही चर्चा में है। ऐसे में पप्पू यादव का खुलकर सामने आना गठबंधन की अंदरूनी खींचतान को और उजागर करता है।

    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पप्पू यादव के इस बयान का असर सीमांचल क्षेत्र में साफ दिखाई देगा, जहां उनका जनाधार मजबूत है। उनके समर्थकों में यह संदेश जा रहा है कि वे केवल सत्ता नहीं, बल्कि सिद्धांतों की राजनीति कर रहे हैं।

    अब देखना यह होगा कि कांग्रेस और अन्य घटक दल इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, और क्या पप्पू यादव की बातों पर आत्मचिंतन करते हैं या टकराव की स्थिति और गहराती है।