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    बिहार में पंचायत चुनाव में नए सिरे से लागू होगा रिजर्वेशन रोस्टर, तैयारियों में जुट गया पंचायती राज विभाग

    Updated: Fri, 20 Jun 2025 09:50 AM (IST)

    बिहार में पंचायती राज अधिनियम के अनुसार मुखिया और सरपंच पदों पर आरक्षण 2026 के पंचायत चुनावों में बदलेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव पंचायत निर्वाचन नियमावली के तहत होगा जिसके अनुसार हर दो चुनावों के बाद आरक्षण बदलता है। यह सूचना सिवान जिले के पटेढ़ा पंचायत के एक पत्र के जवाब में आई है जहां आरक्षण में बदलाव की मांग की गई थी।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना।  बिहार पंचायती राज अधिनियम, 2006 के तहत मुखिया एवं सरपंच के पदों पर आरक्षण का बदलाव पंचायत आम चुनाव, 2026 में किया जाएगा।

    राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि आरक्षण में बदलाव पंचायत निर्वाचन नियमावली के संगत प्रविधानों के तहत किया जाएगा।

    नियमावली के प्रविधानों के अनुसार हर दो पंचायत चुनावों के बाद पदों में आरक्षण का बदलाव किया जाता है। आयोग ने यह नोटिस सिवान जिला के पटेढ़ा पंचायत के विकास चौरसिया द्वारा भेजे गए परिवाद पत्र के संदर्भ में भेजा है।

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    चौरसिया ने आयोग को परिवाद भेजा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सिवान जिला के पटेढ़ा पंचायत में अत्यंत पिछड़ी जाति की जनसंख्या अधिक है। पंचायत में अत्यंत पिछड़ी जाति की जनसंख्या अधिक होने के कारण इस पंचायत में मुखिया एवं सरपंच का पद आरक्षित किया जाए।

    बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 के प्रविधान के अनुसार हर ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्गों को आरक्षण का लाभ दिया जाता है।

    मुखिया पद के लिए आरक्षण का प्रविधान हर पंचायत समिति के अंतर्गत मुखिया के कुल पदों के 50 प्रतिशत के यथा निकटतम, किंतु इससे अधिक नहीं हो सकता है।

    हर पंचायत समिति के अंतर्गत मुखिया के पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थान वही होगा, जो उस पंचायत समिति क्षेत्र में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या का उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या से है।

    मुखिया पद पर आरक्षण का प्रविधान पंचायत समिति (प्रखंड) के अंदर आने वाले कुल पदों में से किया जाता है। इसमें एससी व एसटी के जनसंख्या के अनुपात में पदों का आरक्षण किया जाता है। उसके बाद शेष पदों के 20 प्रतिशत पद अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित किया जाता है।

    वर्ष 2006 और वर्ष 2011 में लगातार एक ही आरक्षित पदों के अनुसार चुनाव कराया गया था। इसके बाद वर्ष 2016 में आरक्षण का चक्र बदल गया और वर्ष 2016 और 2021 के पंचायत आम चुनाव में चक्र का बदलाव कर पदों के आरक्षण में बदलाव किया गया।

    अब वर्ष 2026 में पदों पर आरक्षण का चक्र बदल जाएगा और नए चक्र के अनुसार चुनाव कराया जाएगा।