Padma Award 2025: बिहार की 5 हस्तियों को मिला पद्मश्री, इस काम के लिए दिया गया सम्मान, पढ़े पूरी लिस्ट
बिहार से 5 लोगों को पद्मश्री सम्मान दिया गया है। इनमें आरा के रहने वाले भीम सिंह भवेश और मुजफ्फरपुर की निर्मला देवी पूर्व आइपीएस व बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष रहे आचार्य कुणाल किशोर विजय नित्यानंद सुरिवर जी महाराज और मेडिसिन में हेमंत कुमार शामिल हैं। पद्मश्री सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाता है। कला खेल साहित्य विज्ञान और चिकित्सा आदि के क्षेत्र में दिया जाता है।

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: बिहार के 5 दिग्गजों को इस बार पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पूर्व आईपीएस व बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष रहे आचार्य कुणाल किशोर को पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया गया है।
इसके अलावा आरा के रहने वाले भीम सिंह भवेश को सामाजिक कार्य के लिए पद्मश्री सम्मान 2025 दिया गया है। वहीं, मुजफ्फरपुर के भूसरा की रहने वाली निर्मला देवी को सुजनी कला के लिए मिला पद्मश्री सम्मान दिया गया है।
Medicine में हेमंत कुमार को पद्मश्री मिला है। विजय नित्यानंद सुरिवर जी महाराज को पद्म श्री सम्मान दिया गया।
किन्हें दिया जाता है पद्मश्री सम्मान?
बता दें कि पद्मश्री सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे शिक्षा, कला, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है।
भीम सिंह भवेश दशकों से मुसहर समुदाय के लिए काम करते हैं
भोजपुर के रहने वाले भीम सिंह भवेश ने पत्रकारिता के दौरान मुसहर समाज के दर्द को देखकर उनके लिए कार्य शुरू किया। अपने क्षेत्र के मुसहर जाति के लोगों के लिए वे 22 वर्ष से अपनी संस्था नई आशा के साथ काम कर रहे हैं।
भवेश ने इस समुदाय के बच्चों को शिक्षित करने के लिए विद्यालय से जोड़ने का कार्य किया। इन्होंने अब तक मुसहर जाति के आठ हजार बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराया है।
बच्चों के लिए एक पुस्तकालय भी बनवाया है। इनके स्थापित पुस्तकालय के माध्यम से अब तक 125 से अधिक बच्चे राष्ट्रीय आय सह मेधा छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृति पा रहे हैं।
पत्रकार भीम सिंह भवेश
भवेश के प्रयास से 100 अनाथ बच्चों को परवरिशा का लाभ मिल रहा
इनके प्रयास से करीब 100 अनाथ बच्चे-बच्चियों को परवरिश का लाभ मिल रहा है। ये बच्चों के डॉक्यूमेंट बनवाने और फॉर्म भरवाने में भी मदद करते हैं। भीम सिंह भवेश ने सौ से ज्यादा हेल्थ कैंप लगवाए और कोरोना काल में भी लोगों की मदद की।
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने की थी जमकर तारीफ
पिछले दिनों प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भी भीम सिंह भवेश के सामाजिक कार्यों का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने "मन की बात" के 110 वें एपिसोड में मुसहर समुदाय के उत्थान में डॉ भवेश के प्रयासों की खूब सराहना की थी।
निर्मला देवी को सुजनी कला के लिए पद्मश्री
- निर्मला देवी बिहार के मुजफ्फरपुर के भूसरा की रहने वाली हैं। उन्हें बिहार में सुजनी कला को बढ़ावा देने के लिए इस बार पद्मश्री सम्मान दिया गया है।
- बता दें कि बिहार की सुजनी कला को भारत सरकार ने GI टैग दिया है, इस कला में कपड़े में कढ़ाई की जाती है। कढ़ाई कला का मूल बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में पाया जाता है।
- सुजनी कढ़ाई में सु का अर्थ है सुविधा और जानी का अर्थ है जन्म, एक लकड़ी या फिर स्टील के फ्रेम के अंदर कपड़े पर धागे से कढ़ाई की जाती है ।उस कला को सूजनी कला कहते हैं।
निर्मला देवी को पद्मश्री
कौन हैं हेमंत कुमार, जिसे मिला पदक
हेमंत कुमार आईजीआईएमएस व पीएमसीएच में नेफ्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष रहे चुके हैं।
हेमंत कुमार को मिला पद्मश्री।
न्यू गार्डिनर नेफ्रोलॉजी इंडोक्राइन का सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल बना तो उसके निदेशक बने। इसके बाद वीआरएस लेकर पाटलिपुत्र किडनी नामक संस्था चला किडनी रोग के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
पूर्व IPS व बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष रहे आचार्य कुणाल किशोर को पद्म श्री
बिहार के सबसे बड़े मंदिरों में से एक महावीर मंदिर के ट्रस्ट के प्रमुख कुणाल का पिछले महीने 74 साल की उम्र में पटना में निधन हो गया था। वर्ष 1972 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी कुणाल ने मई 2001 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।
आचार्य कुणाल किशोर को पद्म श्री।
वह अगस्त 2001 से फरवरी 2004 तक बिहार के दरभंगा में स्थित केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। बाद में उन्होंने स्वेच्छा से पद त्याग दिया। कुणाल 23 मई, 2006 को बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक और 2010 में अध्यक्ष बने। उन्होंने 10 मार्च, 2016 को इस पद से इस्तीफा दे दिया।
विजय नित्यानंद सुरिवर जी महाराज को पद्म श्री
विजय नित्यानंद सुरिश्वर जी महाराज मूल रूप से राजस्थान के निवासी हैं। ये जैन संत हैं।
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