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    ओवैसी ने बिहार में वोटर लिस्ट के रिवीजन पर उठाए सवाल, बोले- करोड़ों लोगों के नाम छूट जाएंगे

    By Agency Edited By: Piyush Pandey
    Updated: Thu, 03 Jul 2025 08:03 AM (IST)

    एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर चुनाव आयोग की योजना पर सवाल उठाया। उन्होंने चेतावनी दी कि पुनरीक्षण से करोड़ों मतदाता मताधिकार से वंचित हो सकते हैं। ओवैसी ने इलेक्शन कमीशन को पत्र लिखने की बात कही और पूछा कि सभी पार्टियों की मीटिंग क्यों नहीं बुलाई गई।

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    ओवैसी ने बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उठाए सवाल। (जागरण)

    एजेंसी, नई दिल्ली/पटना। एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चुनाव आयोग की योजना पर सवाल उठाया है। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने चुनाव आयोग से कई सवाल किए।

    उन्होंने चेतावनी दी है कि पुनरीक्षण से राज्य के करोड़ों मतदाता मताधिकार से वंचित हो सकते हैं। ओवैसी ने बताया कि हम इलेक्शन कमीशन को लेटर लिख रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि जब आप इतनी बड़ी एक्सरसाइज कर रहे हैं तो आपने सभी पार्टियों की मीटिंग क्यों नहीं बुलाई।

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    अवैसी ने कहा कि आप जल्दबाजी में यह काम नहीं कर सकते हैं। एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने कहा कि आपके पास (बिहार में) करीब 8 करोड़ मतदाता हैं। बीएलए के लिए एक महीने में ऐसा करना कैसे संभव है? यह मानवीय रूप से असंभव है।

    सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों ने पुनरीक्षण प्रक्रिया में सहायता के लिए 1,54,977 बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) नियुक्त किए हैं। कार्य आगे बढ़ने पर और अधिक एजेंट नियुक्त करने का विकल्प भी दिया गया है।

    ओवैसी ने 2003 में बिहार के लिए किए गए अंतिम गहन पुनरीक्षण को याद करते हुए बताया कि 2004 के लोकसभा चुनावों और 2005 के विधानसभा चुनावों से काफी पहले ऐसा हुआ था, जिससे मतदाताओं को नाम जोड़ने या हटाने के लिए कानूनी उपाय करने के लिए उचित समय मिल गया था।

    चुनाव आयोग से मिले 11 दलों के प्रतिनिधि

    वहीं, बुधवार को बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे मतदाता पुनरीक्षण के खिलाफ INDIA गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की।

    इस अलोकतांत्रिक प्रक्रिया का कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए इसे तत्काल रोकने की मांग की।