Patna News: पुलिस ने 28 महीने में वसूला 101 करोड़ रुपये का जुर्माना, तेज स्पीड के सबसे ज्यादा मामले
पटना में तेज गति से वाहन चलाने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के अनुसार पिछले 28 महीनों में 10 लाख से ज्यादा वाहनों का चालान हुआ है। यातायात नियमों के उल्लंघन में 12 लाख से ज्यादा वाहनों पर कार्रवाई की गई और करीब डेढ़ अरब रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

व्यास चंद्र, पटना। राजधानी के वाहन चालक रफ्तार की हद पार कर रहे हैं। पटना स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेडेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं।
मई 2023 से अबतक यानी करीब 28 महीने में 10 लाख से ज्यादा वाहनों को स्पीड वायलेशन में पकड़ा गया है। यानी हर महीने करीब 36 हजार वाहन चालक गति का उल्लंघन कर रहे हैं।
वह भी तब जबकि राजधानी में महज 12 स्थानों पर ही स्पीड वायलेशन डिटेक्शन (एसवीडी) सिस्टम से निगरानी हो रही है। यदि इसकी संख्या बढ़ जाए तो शायद गति का उल्लंघन करनेवालों की संख्या भी बढ़ जाएगी।
बहरहाल राजधानी की यातायात से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक में आइसीसीसी काफी कारगर साबित हो रहा है। आधुनिक उपकरणों व सिस्टम से यातायात नियमों का उल्लंघन करनेवाले पकड़ में आ रहे हैं।
12 लाख से ज्यादा वाहनों पर हुई कार्रवाई
इस अवधि में यातायात नियमों के उल्लंघन में साढ़े 12 लाख से ज्यादा वाहन कार्रवाई की जद में आए। इनसे करीब डेढ़ अरब रुपये जुर्माना लगाया गया।
सबसे ज्यादा कार्रवाई तेज रफ्तार वाहन चलानेवालों पर हुई। कुल 10 लाख 11 हजार 170 वाहनों की तस्वीर स्पीड वायलेशन में कैद की गई। इन वाहनों के चालकों पर 101 करोड़ रुपये से अधिक (1,01,39,89,000) जुर्माना लगाया गया।
ट्रिपल राइडिंग में 1,19,306 वाहनों पर 13 करोड़ 33 लाख 66 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। इंश्योरेंस, वाहन चालक या पीछे बैठे सवार के हेलमेट नहीं पहनने के करीब 52 हजार मामले आए। इनपर 15 करोड़ 58 लाख रुपये से ज्यादा जुर्माना लगाया गया।
वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना भी चालकों को महंगा पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र में करीब 38 हजार ऐसे मामले सामने आए जिनपर 3.80 करोड़ रुपये से ज्यादा जुर्माना लगाया गया है।
लाल बत्ती उल्लंघन करनेवाले 524 वाहनों की तस्वीरें कैमरों ने कैद की। ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन करने के मामले में भी काफी कार्रवाई की गई है।
एएनपीआर से पहचाने जा रहे वाहनों के नंबर प्लेट
आइसीसीसी के अंतर्गत शहर में एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम व रेड लाइन वायलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) सिस्टम राजधानी में अलग-अलग 30 स्थानों पर लगाए गए हैं।
स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (एएनपीआर) 25 स्थानों पर हैं। इसके अलावा वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले, पर्यावरण सेंसर भी लगे हुए हैं। सीसीटीवी कैमरे की निगहबानी से आपराधिक घटनाओं पर लगाम कसने में पुलिस को मदद मिल रही है।
पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिमेष कुमार पराशर ने बताया कि इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम शहरी व्यवस्था में काफी प्रभावी साबित हो रहा है।
जलनिकासी की निगरानी हो या यातायात और सुरक्षा व्यवस्था, हर क्षेत्र में यह उपयोगी है। खासकर सुरक्षा और सुचारु यातायात के क्षेत्र में यह अहम है।
यातायात नियमों के उल्लंघन पर चालान के प्रमुख आंकड़े
प्रकार | उल्लंघन की संख्या |
---|---|
स्पीड वायलेशन | 10,11,170 |
ट्रिपल राइडिंग | 1,19,306 |
बीमा, प्रोटेक्टिव हेलमेट | 51,965 |
वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग | 37,836 |
कुल कार्रवाई | 12,59,131 |
कुल जुर्माना (रुपये में) | 1,42,13,57,000 |
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।