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    प्राइवेट अस्पताल और जांच केंद्र 24 घंटे में खोलने का निर्देश

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 21 Apr 2020 06:10 AM (IST)

    निजी अस्पताल और जांच केंद्र 24 घंटे में खोलना का निर्देश

    प्राइवेट अस्पताल और जांच केंद्र 24 घंटे में खोलने का निर्देश

    पटना। राज्य में कोरोना का प्रभाव बढ़ने के साथ निजी क्षेत्र के अस्पताल, नर्सिग होम, क्लीनिक, फार्मेसी और डायग्नोस्टिक सेंटरों ने अपनी सेवाएं बंद कर दी थीं। अब सरकार ने महामारी रेगुलेशन 2020 के तहत सभी प्राइवेट अस्पतालों, नर्सिग होम, क्लीनिक, फार्मेसी और डायग्नोस्टिक सेंटरों को तत्काल खोलने के निर्देश दिए हैं। सभी जिलाधिकारियों और सिविल सर्जनों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे 24 घंटे के अंदर आदेश का पालन सुनिश्चित करें।

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    प्राइवेट अस्पतालों में हुए अघोषित बंद से सामान्य मरीजों को काफी परेशानी हो रही थी। इसे देखते हुए सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों से सख्ती से निपटने का फैसला करते हुए इन्हें 24 घंटे के अंदर खोलने के निर्देश दिए हैं।

    स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि निजी अस्पताल क्लीनिक और नर्सिग होम में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर, पारा मेडिक्स, नर्सों के साथ ही अन्य तकनीकी और गैर तकनीकी कर्मचारी उपस्थित रहें।

    स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा है कि संस्थान फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन करें। जो स्टाफ हैं उन्हें पीपीई किट, मास्क, गल्व्स जैसे आवश्यक संसाधन मुहैया कराएं। यदि किसी संस्थान में कोरोना से संबंधित कोई केस आता हैं तो उसकी कांटेक्ट हिस्ट्री तैयार की जाए। इसके बारे में तीन घंटे के अंदर सिविल सर्जन को सूचित करें।

    आदेश में प्राइवेट अस्पतालों को यह जिम्मेदारी भी दी गई है कि वे इंफ्लूएंजा लाइक इलनेस और सिवियर एक्यूट रेस्पेरेटरी इलनेस के मरीजों की स्क्रीनिग भी करें। प्रधान सचिव ने आदेश में साफ किया है कि जो अस्पताल आदेश मानने से इंकार करते हैं उनके ऊपर समुचित कार्रवाई की जाए।

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    प्रधान सचिव ने ट्वीट कर प्राइवेट अस्पतालों को लताड़ा

    कोरोना काल में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा सहयोग नहीं मिलने के बाद सरकार ने प्राइवेट अस्पताल प्रबंधकों को जमकर लताड़ा है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने दो अलग-अलग ट्वीट कर कहा कि राज्य में 48 प्रतिशत अस्पताल नर्सिग होम प्राइवेट सेक्टर में हैं। मात्र 22 फीसद अस्पताल सरकारी हैं। ओपीडी का 90 फीसद कार्य प्राइवेट सेक्टर से पूरा होता है। प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों का मकसद सिर्फ लाभ कमाना नहीं होना चाहिए। राज्य में कोरोना के खिलाफ सरकारी अस्पताल जंग लड़ रहे हैं और प्राइवेट अस्पताल बंद पड़े हैं। यह उचित नहीं। पर जब प्राफिट की बात आती है तो प्राइवेट अस्पतालों को सर्वाधिक फायदा चाहिए होता है।