Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहारः अब एक ई-मेल पर अस्पताल मंगाएं रेमडेसिविर इंजेक्शन, बस ये डॉक्यूमेंट होगा देना

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 19 Apr 2021 05:22 PM (IST)

    रेमडेसिविर की मांग अधिक होने को लेकर बिहार सरकार ने इसकी आपूर्ति व्यवस्था बदल दी है। अब एक ई-मेल पर अस्पताल को सीधे दवा आपूर्ति कर दी जाएगी। इसके लिए ...और पढ़ें

    Hero Image
    बिहार में अब ई-मेल से रेमडेसिविल इंजेक्शन मिल जाएगा। प्रतीकात्मक तस्वीर।

    नलिनी रंजन, पटना: रेमडेसिविर की मांग अधिक होने पर बिहार सरकार ने इसकी आपूर्ति व्यवस्था बदल दी है। अब एक ई-मेल पर अस्पताल को सीधे दवा आपूर्ति कर दी जाएगी। इसके लिए अस्पताल को मरीज का आधार कार्ड, उपचार पर्चा, कोरोना संक्रमित रिपोर्ट की स्कैन कॉपी स्वास्थ्य विभाग के राज्य औषधि नियंत्रक के ई-मेल sdcbihar-bih@gov.in पर भेजनी होगी। इसके बाद संबंधित अस्पताल को बिलिंग के साथ दवा आपूर्ति कर दी जाएगी। बताया जाता है कि सोमवार को एक दवा कंपनी ने 11 सौ वायल रेमडेसिविर आपूर्ति की है। इन दवाओं को राज्य औषधि नियंत्रक की निगरानी में विभिन्न अस्पतालों को दिया गया है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नहीं मिल पा रही रेमडेसिविर की पूरी डोज, टूट रही चेन

    राजधानी में रेमडेसिविर दवा की सही रूप से आपूर्ति नहीं हाेने के कारण मरीजों को रेमडेसिविर दवा की सही डोज देने की नियमित कड़ी टूट जा रही है। इससे उनके जल्द स्वस्थ्य होने की उम्मीद पर बाधा उत्पन्न हो रही है। दवा कंपनियों की ओर से दवा की आवश्यकता के अनुपात में दवाओं की आपूर्ति नहीं होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है।

    पांच डोज पड़ती है लेनी

    अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. रवि कीर्ति ने बताया कि रेमडेसिविर को लेकर अलग-अलग शोध पत्र में विरोधाभास है। इस दवा को लेकर अभी कोई पुख्ता प्रमाण पत्र नहीं मिले हैं। डब्ल्यूएचओ ने भी सत्यापित नहीं किया है। चिकित्सकों का ऐसा मानन है कि जिन मरीजों में ऑक्सीजन लेवल कम होता है, ऐसे मरीजों को 600 एमजी रेमडेसिविर दवा देने की सलाह दी जाती है। ऑक्सीजन पर रहने वाले मरीजों को पहले दिन 200 एमजी, दूसरे 100, तीसरे, चौथे व पांचवें दिन 100-100 एमजी इंजेक्शन दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इसका यह एंटी वायरल है, उम्मीद की जाती है कि कोविड के वायरस से लड़ने में मदद करेगा। लेकिन शोध के परिणाम विरोधावासी है। मरीज जो ऑक्सीजन पर चले जाते हैं उन्हें रेमडेसिवल लेने की सलाह दी जाती है। लेदवा नहीं मिलने के कारण नियमित अंतराल का क्रम टूट जा रहा है।

    टॉसीलीजुमैब दवा की गंभीर मरीजों में प्रभावकारी

    डॉ. रवि कीर्ति ने बताया कि टॉसीलीज़ुमैब एक अन्य दवा है जो कोविड के कुछ गंभीर रोगियों में प्रयुक्त की जाती है। यह रोगी के प्रतिरोधक क्षमता को दबाकर उसके चलते होने वाले नुक़सान से शरीर का बचाव करता है। किन्तु इसके चलते कीटाणु-जनित अन्य संक्रमणों के होने का ख़तरा बढ़ जाता है। अत: बहुत सोच समझकर ही चिकित्सक इसका प्रयोग करते हैं।