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    चंपारण सत्याग्रह से लेकर जेपी आंदोलन तक, बिहार से निकली आवाज दूर तक जाती है; क्या विपक्ष दोहरा पाएगा इतिहास ?

    By Edited By: Roma Ragini
    Updated: Sat, 24 Jun 2023 09:56 AM (IST)

    Opposition Meeting बिहार में शुक्रवार को विपक्षी दलों की बैठक हुई। इस बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीपी प्रमुख शरद पवार को जेपी याद आए। ममता बनर्जी ने भी कहा कि पटना में जो जनआंदोलन शुरू होता है वह सफल होता है। यह भी एक कारण रहा कि जब भाजपा सरकार को चुनौती देने के लिए एक आवाज की जरूरत महसूस हुई तो सबसे पहले बिहार याद आया।

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    Opposition Meeting in Patna: चंपारण सत्याग्रह से लेकर जेपी आंदोलन तक, बिहार से निकली आवाज दूर तक जाती है

    कुमार रजत, पटना। राजनीति अंकों का खेल है, मगर सत्ता को पाने के लिए जादुई अंक तक पहुंचने का रास्ता जनभावना से तय होता है। जनभावना ही माहौल बनाती है। संदेश देती है और तय करती है कि अगली बारी किसकी होगी। कौन सरकार में आएगा और कौन जाएगा।

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    राजनीति के माहिर खिलाड़ी इसे बखूबी समझते हैं। बिहार ऐसे ही प्रतिरोध की आवाज का केंद्र रहा है। सरकारें भले ही बिहार को भूल जाएं, सत्ता विरोधी नहीं भूलते। विपक्ष को यहां की हवा रास आती है। बिहार से निकली आवाज दूर तक जाती है।

    यह भी एक कारण रहा कि जब भाजपा सरकार को चुनौती देने के लिए एक आवाज की जरूरत महसूस हुई तो सबसे पहले बिहार याद आया। अंग्रेजों के विरुद्ध चंपारण सत्याग्रह देने वाला बिहार। आपातकाल में जेपी क्रांति की बिगुल फूंकने वाला बिहार।

    नेताओं ने की बिहार से इतिहास बदलने की बात

    महाजुटान में आए नेताओं को भी बिहार के जनआंदोलन और जेपी याद आते रहे। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, मैंने पटना में बैठक के लिए इसलिए बोला था कि पटना में जो जनआंदोलन शुरू होता है, वह सफल होता है। यह मीटिंग ऐतिहासिक रही है। बिहार से इतिहास बदलेगा। यहां से बदलाव होगा।

    बिहार नवजागरण का बन रहा गवाह

    एनसीपी प्रमुख शरद पवार को जेपी याद आए। उन्होंने कहा कि विश्वास है कि देश में बदलाव आएगा। जैसे जयप्रकाश जी के नेतृत्व में आंदोलन शुरू हुआ था तो अलग माहौल बना था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव बोले, पटना और बिहार नवजागरण का गवाह बन रहा है। हेमंत सोरेन ने पटना की बैठक को देश के लिए मील का पत्थर बताया।

    रास्ते पर लगी रहीं समर्थकों की निगाहें

    एक अणे मार्ग को जाने वाली सड़क आमलोगों के लिए बंद थी मगर निगाहें रास्ते पर ही लगी थी। अपने नेताओं को देखेने के लिए मीडिया के साथ समर्थकों का भी जमावड़ा लगा था।

    कोई नंगे पैर तिरंगा लेकर पहुंचा था तो कोई लालटेन थामे। सुबह से शाम तक एक अणे मार्ग और सर्कुलर रोड जाने वाले चौराहे के पास गहमागहमी रही। उमस भरे मौसम में धूप-छांव के बीच बैठक की चर्चा होती रही।