Patna News: IGIC में दो महीने बाद फिर शुरू हुई ओपन हार्ट सर्जरी, हृदय रोगियों को मिली बड़ी राहत
पटना के आइजीआइसी अस्पताल में हृदय सर्जरी फिर से शुरू हो गई है जिससे मरीजों को राहत मिलेगी। परफ्यूजनिस्टों की नियुक्ति के बाद ओपन हार्ट सर्जरी दोबारा शुरू हो गई है। संस्थान में तीसरी कैथ लैब भी स्थापित की जाएगी। आयुष्मान भारत योजना के तहत हृदय रोगियों को मुफ्त इलाज मिल रहा है जिससे हजारों मरीजों को लाभ हुआ है।

जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश में हृदय रोग उपचार के इकलौते सरकारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में ओपेन हार्ट सर्जरी दोबारा शुरू हो गई है। यह जानकारी निदेशक डॉ. सुनील कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि परफ्यूजनिस्ट के सात पद स्वीकृत हैं। इनमें से चार ने योगदान दे दिया है, जबकि शेष तीन की नियुक्ति जल्द होगी।
इसके अलावा संस्थान में चिकित्सकों व तकनीशियन के जो पद रिक्त हैं, उन पर भी जल्द नियुक्ति की जाएगी। बताते चलें कि अप्रैल माह में सर्जरी के दौरान हृदय-फेफड़ा मशीन को ऑपरेट करने वाले परफ्यूजनिस्ट के सेवानिवृत्त होने के बाद से ओपेन हार्ट सर्जरी बंद थी। इस कारण गरीब व मध्यमवर्गीय मरीज प्रभावित हो रहे थे। उन्हें कर्ज लेकर इलाज कराना पड़ रहा था।
परफ्यूजनिस्ट के बिना ओपेन हार्ट सर्जरी संभव नहीं
आइजीआइसी में ओपेन हार्ट सर्जरी करने के लिए छह एमसीएच डिग्रीधारी समेत कुल 11 सर्जन की टीम है। हालांकि, ओपेन हार्ट सर्जरी के समय जब हृदय को खोला जाता है तब बिना व्यवधान सर्जरी के लिए हृदय व फेफड़े को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ता है।
इस समय परफ्यूजनिस्ट ही मरीज की जीवनरेखा संभालने के लिए हृदय-फेफड़ा बाईपास मशीन संचालित कर शरीर में कृत्रिम रूप से रक्त परिसंचरण व ऑक्सीजन आपूर्ति बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाते हैं। वे मशीन द्वारा शरीर से रक्त निकाल कर उसमें आक्सीजन डाल कर पुन: शरीर में प्रवाहित करते हैं।
स्थापित हो रही तीसरी कैथ लैब
प्रदेश में हृदय रोगियों की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है। आइसीएमआर के अनुसार प्रदेश में करीब 30 लाख लोग हृदय रोग से पीड़ित हैं। यही नहीं पटना जिले में ही हर वर्ष औसतन 1.2 लाख से अधिक नए हृदय रोगी पंजीकृत हो रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या गरीबों व मध्यमवर्ग की है। कारण यहां की निशुल्क उपचार सुविधा है।
पेसमेकर, बड़ी सर्जरी, एंजियोप्लास्टी, एंजियोग्राफी होने पर भी बहुत कम शुल्क लिया जाता है। यदि मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष, आयुष्मान भारत योजना कार्ड है तो सभी सुविधाएं निशुल्क मिलती हैं। यही कारण है कि औसतन 650 मरीज ओपीडी में इलाज कराते हैं तो 250 बेड हमेशा भरे रहते हैं।
एंजियोप्लास्टी, वाल्व रिप्लेसमेंट से लेकर ओपेन बाईपास सर्जरी तक के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसे देखते हुए संस्थान में तीसरी कैथलैब बहुत जल्द स्थापित की जाएगी।
तीन माह में हजार हृदय रोगियों ने कराया आयुष्मान से इलाज
इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में आयुष्मान रोगियों का उपचार प्राथमिकता पर किया जा रहा है। एक अप्रैल से अबतक यहां हजार से अधिक हृदय रोगियों का इलाज आयुष्मान भारत योजना कार्ड पर हो चुका है। यह जानकारी आयुष्मान भारत के नोडल पदाधिकारी डॉ. अमिताभ कुमार ने मंगलवार को दी।
उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड योजना के तहत सभी जांच दवाएं, पेसमेकर, एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी से लेकर ओपेन बाईपास तक मुफ्त की जाती है।
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