मोबाइल पर यजमान, लैपटॉप पर अनुष्ठान, बैंक के जरिए दक्षिणा...
संचार क्रांति का कमाल अब धार्मिक अनुष्ठानों तक में दिखने लगा है। मोबाइल पर यजमान ऑनलाइन होते हैं, पुरोहित मंत्र से संकल्प कराते हैं और लैपटॉप पर शुरू हो जाता है अनुष्ठान। पूर्णाहुति में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।
मधुबनी [कपिलेश्वर साह]। संचार क्रांति का कमाल अब धार्मिक अनुष्ठानों तक में दिखने लगा है। मोबाइल पर यजमान ऑनलाइन होते हैं, पुरोहित मंत्र से संकल्प कराते हैं और लैपटॉप पर शुरू हो जाता है अनुष्ठान। पूर्णाहुति में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।यजमान और पुरोहित दोनों के पैसों व समय की बचत होती है।
घर से दूर रहने वाले श्रद्धा के बावजूद चाहकर भी धार्मिक अनुष्ठान नहीं करा पाते थे। अक्सर ऐसे यजमान मधुबनी के रहिका स्थित प्रसिद्ध कपिलेश्वरनाथ मंदिर के राज पंडा गंगेश्वर झा से अपनी व्यथा साझा करते। लेकिन, कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। इस बीच उन्हें तिरुपति बालाजी, शिरडी साईं मंदिर या मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर आदि में ऑनलाइन पूजा पाठ की जानकारी मिली।
बस यहीं से मोबाइल पर अनुष्ठान कराने का विचार आया। पहले लगा कि इस पद्धति को यजमान स्वीकारेंगे या नहीं। लेकिन, धीरे-धीरे इसकी स्वीकार्यता और मांग बढ़ी है।
स्पीकर ऑन, मंत्र शुरू
अब कपिलेश्वरनाथ महादेव मंदिर में महामृत्युंजय जाप, संकटायोगिनी शांति, कुलकायोगिनी शांति, संतान गोपाल, शनि जाप आदि अनुष्ठान मोबाइल के सहारे हो रहा है। इसके लिए यजमान पंडा के मोबाइल नंबर 9576429241 या 9006970705 पर संपर्क करते हैं। पूजा सामग्री में खर्च होने वाली राशि एकाउंट में डालते हैं। निर्धारित तिथि और मुहूर्त पर पंडा अपने सहयोगियों व अनुष्ठान सामग्री के साथ तैयार रहते हैं।
उधर, यजमान अपने पूजा घर में अनुष्ठान के संकल्प के लिए मोबाइल तैयार रखते हैं। पंडा झा के मोबाइल का ङ्क्षरग आते ही यजमान स्पीकर ऑन कर बताए गए मंत्र का उच्चारण प्रारंभ करते हैं। दो से पांच मिनट में अनुष्ठान का संकल्प हो जाता है।
प्रति माह 10 हजार की आमदनी
महामृत्युंजय जाप अथवा ऐसे ही अन्य अनुष्ठानों में पूजा सामग्री पर तीन से पांच हजार रुपये व्यय होता है। दक्षिणा की राशि यजमान की श्रद्धा पर निर्भर है। अमूमन अनुष्ठान पूरा होते ही लोग दक्षिणा की राशि एकाउंट में डाल देते हैं। इससे औसतन 10 हजार रुपये प्रतिमाह की आमदनी हो जाती है। वैसे ऐसे अनुष्ठानों के लिए फिलहाल पंडितों का कोई समूह सक्रिय नहीं है। लेकिन, जरूरत के मुताबिक पुरोहितों को जोड़ लिया जाता है।
यजमान मान रहे पद्धति को कारगर
फोन पर अनुष्ठान कराने वालों की सूची में अभी तक पटना, कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, वेल्लौर, गाजियाबाद सहित अन्य जगहों के श्रद्धालु शामिल हैं। प्रेम कुमार झा, गोपीनाथ झा, कामदेव झा, हेमचंद्र मिश्र सहित अन्य यजमानों की मानें तो विकट परिस्थिति व समयाभाव में अनुष्ठान की यह पद्धति कारगर और फलदायी है।
कहा- पं. शंभुनाथ झा, वेदज्ञ ने
'जब मोबाइल पर हुई बात का असर मानव जीवन पर पड़ता है तो मंत्र का भी असर पडऩा चाहिए। आध्यात्म में आधुनिकता के संयोग का स्वीकारने किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।'
- पं. शंभुनाथ झा, वेदज्ञ
कहा- पीतांबर झा, ज्योतिषाचार्य ने
'किसी भी अनुष्ठान में पुरोहित व यजमान की उपस्थिति आवश्यक है। मोबाइल के माध्यम से अनुष्ठान का संकल्प अगर फलदायी होता है तो इसे भगवान की कृपा ही माना जाएगा।'
- पीतांबर झा, ज्योतिषाचार्य
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