Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar News: बिहार के विश्वविद्यालयों में मिलेगी ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा, छात्रों के लिए लिया गया अहम फैसला

    Updated: Sat, 31 May 2025 01:35 PM (IST)

    एक बड़ी खबर सामने आई है। बिहार के विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। छात्र नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी से जुड़कर कहीं से भी पढ़ाई कर डिग्री पा सकेंगे। यूजीसी और शिक्षा विभाग मिलकर विश्वविद्यालयों को एनडीयू से जोड़ने की योजना बना रहे हैं। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर 93.56 करोड़ रुपये खर्च होंगे। छात्रों के लिए अपार आईडी अनिवार्य होगा।

    Hero Image
    राज्य के विश्वविद्यालयों में मिलेगी ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा

    दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार के विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन पाठ्यक्रम की प्रभावी व्यवस्था लागू होगी। छात्र जहां से मन करें वहां से पढ़ाई करेंगे और उन्हें डिग्रियां भी मिलेंगी।

    आनेवाले समय में नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी (एनडीयू) के पाठ्यक्रमों से भी राज्य के विश्वविद्यालय जुड़ेंगे। इस नई व्यवस्था पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और शिक्षा विभाग (बिहार सरकार) आपसी समन्वय से प्रस्तावित योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है, ताकि राज्य के विश्वविद्यालयों को एनडीयू से लिंक किया जा सके।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्ष 2022 में केंद्रीय बजट की घोषणा के आधार पर नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी का गठन किया गया, जो देश का पहला डिजिटल यूनिवर्सिटी है।

    इस बाबत उच्च शिक्षा निदेशालय के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि इसका डिजिटल कंटेंट स्टडी वेब्स आफ एक्टिव-लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स (स्वयं) प्लेटफार्म पर होस्ट किया जाएगा।

    स्वयं एक ऑनलाइन शिक्षा योजना है। इसका उद्देश्य सभी के लिए सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और समावेशी शिक्षा प्रदान करना है। जबकि, टेक्नोलॉजी और एडमिनिस्ट्रेटिव डिलिवरी का जिम्मा यूजीसी के समर्थ प्लेटफार्म पर होगा।

    हर संस्थान में डिजिटल कैंपस बनाए जाएंगे। नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी कई तरह के पाठ्यक्रम लाएगा और उससे राज्यों के विश्वविद्यालयों को साथ लाएगी।

    इसमें सीटों की संख्या सीमित नहीं होगी ताकि 12वीं पास छात्र को उच्च शिक्षा हासिल करने में मदद मिले। नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी द्वारा शुरू में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स को लागू करेगा।

    इसके बाद डिग्री कोर्स लागू किया जाएगा। जाहिर है, यह नई व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू किया गया तो राज्य के विश्वविद्यालयों में भी क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

    छात्रों को इस प्रकार मिलेंगी डिग्रियां

    इच्छुक छात्रों को नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी में एनरोल करना होगा। अगर छात्र किसी एक संस्थान से न्यूनतम 50 प्रतिशत क्रेडिट्स हासिल कर लेता है तो उसे उसी संस्थान से डिग्री/डिप्लोमा/सर्टिफिकेट मिलेगा।

    अगर छात्र जरूरी क्रेडिट्स किसी दूसरे संस्थान से लाता है, लेकिन न्यूनतम 50 प्रतिशत किसी एक संस्थान से नहीं तो उसे डिग्री/डिप्लोमा/सर्टिफिकेट नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी से मिलेगा।

    खास बात यह कि नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी में पंजीकृत छात्र जब चाहेंगे नामांकन लेंगे और किसी कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी तो साल बर्बाद नहीं होगा, इसकी व्यवस्था रहेगी।

    डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होंगे 93.56 करोड़

    राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधा विकसित करने हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही है। इस पर 93 करोड़ 56 लाख रुपये खर्च होंगे। इस राशि में 70 प्रतिशत पैसा केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी। उच्च शिक्षा

    निदेशालय के एक उच्च पदाधिकारी ने बताया कि सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क तथा एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट को क्रियाशील बनाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए सभी छात्र-छात्राओं का अपार आइडी होना जरूरी है।

    इंडियन नालेज सिस्टम के तहत पूर्व से उपलब्ध सामग्रियों का भारतीय भाषाओं में बनाने की आवश्यकता जतायी गयी है। यह भी कहा गया है कि समर्थ के क्रियान्वयन भी जरूरी है।

    अप्रेटिंशिप को डिग्री का हिस्सा बनाने के लिए अप्रेटिंशिप कराये जाने होंगे और इसके लिए इंडस्ट्री से संपर्क बनाना होगा।

    मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण प्रोग्राम के तहत आवश्यकतानुसार शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी होगी।

    comedy show banner
    comedy show banner