हत्या के मामले में है सेकेंड, रेप केस में सातवें पायदान पर है बिहार
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने वर्ष 2015 के राष्ट्रीय अपराध से जुड़े आंकड़े पेश किए हैं जिसके मुताबिक बिहार हत्या के मामले में देश के दूसरे स्थान पर है।
पटना [वेब डेस्क]। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने वर्ष 2015 के राष्ट्रीय अपराध से जुड़े आंकड़े जारी कर दिये हैं। एनसीआरबी हर वर्ष एक साल पीछे के आंकड़े ही जारी करके देश में अपराध की स्थिति को बताता है। आंकड़ों के हिसाब से बिहार हत्या के मामले में दूसरे स्थान पर है तो रेप केस के मामले में सातवें पायदान पर।
ये आंकड़े राज्यवार भी जारी किये गये हैं। इसके मुताबिक वर्ष 2015 के दौरान देश में 32 हजार 127 मामले सामने आये, जिसमें 3178 हत्याएं बिहार में हुई हैं। उत्तर प्रदेश में 4732 हत्याएं हुईं हैं. हत्या के मामले में यूपी के बाद बिहार का ही स्थान है।
इसी तरह अपहरण के मामले भी राज्य में बढ़े हैं। पूरे देश में 82 हजार 999 मामले अपहरण के दर्ज हुए। इसमें बिहार में 7128 मामले हुए हैं, जो देश में यूपी (11999) और महाराष्ट्र (8255) के बाद तीसरा सबसे ज्यादा है।
बिहार के बाद एमपी (6778), असम (5831) और राजस्थान (5426) का नंबर आता है। डकैती के मामले में भी बिहार दूसरे स्थान पर है। देशभर में 3972 मामले हुए, जिसमें बिहार में 426 मामले हैं, जो देश में महाराष्ट्र (784) के बाद दूसरा है।
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रेप के मामले सबसे ज्यादा एमपी में
रेप के मामले में एमपी देश में सबसे मामले मध्य प्रदेश (एमपी) में दर्ज किये गये हैं। यहां 4391 मामले दर्ज किये गये। इसके बाद महाराष्ट्र (4144), राजस्थान (3644), यूपी (3025), असम (1733), पश्चिम बंगाल (1199) और बिहार (1041) का स्थान आता है। बिहार का रेप के मामले में देश में सातवां स्थान है।
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महिला अपराध दूसरे राज्यों से कम
महिलाओं के प्रति अपराध के मामले में बिहार की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना मेंथोड़ी बेहतर है। राज्य में जितने भी संघीय अपराध हुए हैं, उसमें 27.9 फीसदी अपराध महिलाओं के खिलाफ हुए हैं। यह देश में महिलाओं के प्रति हुए कुल अपराध का 4.2 प्रतिशत है।
देश में सबसे ज्यादा महिलाओं के खिलाफ अपराध यूपी में 10.9 फीसदी दर्ज हुए हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल (10.1), महाराष्ट्र (9.5), एमपी (7.4), असम (7.1) और आंध्र प्रदेश (4.9 प्रतिशत) का नंबर आता है।