पटना के बिल्डर के पास मिले 30 लाख के पुराने नोट, गिरफ्तार
पटना में एक बिल्डर के पास से 30 लाख की पुरानी करेंसी जब्त की गई है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। जब्त रुपये एक बैग में रखे मिले।
पटना [जेएनएन]। राजधानी पुलिस ने पुराने नोट बदलने की मियाद खत्म होने के बाद गुरुवार को इन्हें बदलने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। किंगपिन बिल्डर विनोद कुमार विश्वास को चार दलालों के साथ दबोचा गया है।
मूलरूप से अररिया के फारबिसगंज का रहने वाला विनोद बिहार और झारखंड का नामी बिल्डर है। विनोद अगमकुआं थाना क्षेत्र के भूतनाथ रोड स्थित गणेश टावर अपार्टमेंट के बी ब्लॉक फ्लैट-403 में परिवार के साथ रहता है।
तलाशी में उसके फ्लैट से पुलिस को 30 लाख रुपये के पुराने नोट और 13 एटीएम कार्ड बरामद हुए। बरामद नोट 500 और 1000 के हैं। पूछताछ में पता चला कि वह कंस्ट्रक्शन कंपनी की आड़ में पुराने नोटों को बदलने का धंधा कर रहा था।
ग्राहक बनकर पहुंची पुलिस टीम
जनवरी में पुलिस कप्तान मनु महाराज को गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी कि पुराने नोटों को नए नोटों में बदलने का काम किया जा रहा है। इसके एवज में उस राशि का 60-70 फीसद तक हिस्सा वसूला जाता है। सूचना मिलने के बाद तकनीकी अनुसंधान से पुलिस ने कंकड़बाग इलाके से श्रवण तिवारी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसने विनोद के बारे में जानकारी दी।
रंगेहाथ पकडऩे के लिए दारोगा विनय प्रकाश और अनिल कुमार ग्राहक बनकर श्रवण तिवारी के साथ विनोद के घर पहुंचे। उसने घर में ही कार्यालय बना रखा था, जहां वह पहले से शंकर, अशोक और सुबोध के साथ 50 करोड़ रुपये के नोटों को बदलने की बात कर रहा था। कुछ देर तक पुलिसकर्मियों ने उसकी बातें सुनी। जब अशोक उठकर जाने लगा, तब पुलिस ने सभी को दबोच लिया। शंकर, अशोक, सुबोध व श्रवण बिल्डर विनोद के दलाल बताए जाते हैं।
एनआरआइ और बैंक नोट बदलने का जरिया
प्रारंभिक पूछताछ में विनोद ने पुरानी मुद्रा को नए में बदलने के दो तरीके बताए। पहला तरीका विदेशी मुद्रा विनिमय। जब कोई एनआरआइ भारत आता है तो उसके नाम पर पुराने नोटों को बदल दिया जाता है। इसकी जानकारी उस एनआरआइ को भी नहीं होती।
भारत सरकार के नियमानुसार जुलाई तक एनआरआइ अपने पुराने नोटों को बदल सकते हैं। वहीं दूसरा माध्यम बैंक हैं। बैंक में अब भी पुराने नोटों की गिनती चल रही है। कुछ बैंकों के शाखा प्रबंधकों की मिलीभगत से पुराने नोट बदले जा रहे हैं। इसके लिए विनोद राशि का 60 फीसद हिस्सा कमीशन लेता था। अनुसंधान में मालूम हुआ कि विनोद अब तक एक अरब रुपये से अधिक के पुराने नोटों को बदल चुका है।
अरबों की प्रॉपर्टी का मालिक
बिहार और झारखंड में विनोद ने चार दर्जन से अधिक अपार्टमेंट बनाए हैं। उसकी कंपनी अरबों रुपयों का ट्रांजेक्शन कर चुकी है। वर्तमान में पटना और देवघर में वह भव्य अपार्टमेंट का निर्माण कर रहा है। देवघर वाले अपार्टमेंट में 105 फ्लैट हैं।