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हो गया फाइनल: बिहार में नहीं लागू होगा NRC, 2010 फॉर्मेट में लागू होगा NPR

बिहार विधानसभा में NRC पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हो गया है और अब फाइनल हो गया है कि राज्य में अब एनआरसी लागू नहीं होगा। वहीं एनपीआर भी 2010 के फॉर्मेट पर लागू होगा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 03:49 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 08:54 AM (IST)
हो गया फाइनल: बिहार में नहीं लागू होगा NRC, 2010 फॉर्मेट में लागू होगा NPR
हो गया फाइनल: बिहार में नहीं लागू होगा NRC, 2010 फॉर्मेट में लागू होगा NPR

पटना, जेएनएन। बिहार विधानसभा में NRC पर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया और इसी के साथ अब फाइनल हो गया है कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा। वहीं NPR पर संशोधन के लिए भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ है। 2010 के आधार पर अब NPR कराने का प्रस्ताव पारित किया गया है। यानि इसमें माता-पिता की डिटेल देना जरूरी नहीं होगा। 

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बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुरू से यह कहते रहे हैं कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा, लेकिन बजट सत्र के दौरान इसे सदन में भी पारित कर दिया गया। कांग्रेस शासित राज्य पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि उनके यहां एनआरसी लागू नहीं होगा। अब इस कड़ी में बिहार भी शामिल हो गया, जहां सदन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया गया कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होने दिया जाएगा। 

इससे पहले बिहार विधानसभा में NRC और NPR पर प्रस्ताव पर चर्चा हुई। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम ने कहा है कि NRC लागू नहीं होगा और NPR के लिए भी नए प्रारूप में बोल रहे हैं। तेजस्वी ने पूछा कि क्या CM नीतीश लोगों को गुमराह कर रहे हैं। वो अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि बिहार में NPR लागू होगा या नहीं ?'

विधानसभा में CAA- NRC को लेकर तेजस्वी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। उनके साथ राजद नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी, अवधेश सिंह, ललित यादव भी मौजूद थे। तेजस्वी ने CAA में मुस्लिमों को शामिल करने की मांग की थी। 

बता दें कि आज विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लेकर जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दलों के नेताओं ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को 'काला कानून' करार दिया, जिस पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने नाराजगी जताई और फिर सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया।

सत्तापक्ष और विपक्ष का हंगामा इतना बढ़ गया कि मामला हाथापाई तक पहुंच गया। इस हंगामे को देखते हुए  सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। 


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