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    बिहार के सरकारी भवनों में फायर सेफ्टी आडिट रिपोर्ट पर गंभीरता से नहीं होता काम

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Fri, 13 May 2022 05:12 PM (IST)

    बिहार में कुछ दिनों तक सरकारी भवनों की फायर सेफ्टी आडिट की बात चलेगी। विश्वेश्वरैया भवन में हुई अगलगी के बाद इन पर चर्चा तेज हो गई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इसके लिए गाइडलाइन भी बनाई है।

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    सरकारी भवनों में फायर सेफ्टी आडिट रिपोर्ट पर गंभीरता से काम नहीं होता। सांकेतिक तस्वीर।

    भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। विश्वेश्वरैया भवन में हुई अगलगी के बाद पुन: कुछ दिनों तक सरकारी भवनों की फायर सेफ्टी आडिट की बात चलेगी। वैसे सरकारी भवनों के फायर सेफ्टी आडिट को ले हाल के दिनों में काफी काम भी हुए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इसके लिए गाइडलाइन भी बनाई है। इसी गाइडलाइन के अनुसार सरकारी भवनों की फायर सेफ्टी आडिट होती है। यह आडिट रिपोर्ट संबंधित महकमे में किसके पास है, यह किसी को पता नहीं। यहां तक कि फायर सेफ्टी आडिट रिपोर्ट राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भी नहीं भेजी जाती, ताकि संबंधित महकमे को अलर्ट किया जा सके।

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    आडिट रिपोर्ट पर गंभीरता से नहीं होता काम 

    सरकारी भवनों में फायर सेफ्टी आडिट रिपोर्ट बस एक औपचारिकता रह गई है। इसपर गंभीरता से अमल  नहीं होता। एक फारमेट में यह लिख दिया जाता है कि किसी भवन में अगलगी की घटना के बाद निकलने के कितने रास्ते हैैं। दफ्तर में एसी की संख्या कितनी है। सीढ़ियों से बिजली के कनेक्शन वाली जगह की दूरी क्या है। यह देखा ही नहीं जाता कि संबंधित भवन में अग्निशमन के लगे यंत्र की आखिरी बार जांच कब हुई थी। जांच के बाद रिपोर्ट किस प्रशाखा को आई  और उक्त प्रशाखा के अधिकारी ने उक्त रिपोर्ट को कहां-कहां आगे बढ़ाया, इसकी कोई जवाबदेही नहीं है। 

    प्राधिकरण के स्तर पर माक ड्रील होते रहे हैं

    आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष यूके मिश्रा का कहना है कि अगलगी की घटना से बचाव को ले माक ड्रील भी होता रहता है। सबसे बड़ी बात है कि सरकारी भवनों में काम कर रहे लोगों को खुद भी इसके लिए गंभीर रहना होगा। किसी घटना के बाद लोग कुछ दिनों तक अलर्ट तो रहते हैं पर बाद में स्थिति यथावत हो जाती है।  

    सेंट्रली एसी वाले दफ्तरों में समस्या नहीं

    हाल के दिनों में प्राय: सभी सरकारी दफ्तरों में बड़ी संख्या में एसी लगे हैं। जिन दफ्तरों में सेंट्रली एसी (डक्ट) लगे हैं वहां समस्या कम है, क्योंकि उनकी वायरिंग नई है। जिन जगहों पर स्पिलिट एसी लगे हैं वहां वायरिंग को लेकर समस्या है। विशेषज्ञ इस पर नजर रखने की बात कहते हैं। 

    दफ्तर बंद होने के बाद एसी व लाइट बंद कर दिए जाने का है प्रविधान

    भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि का कहना है कि सरकारी भवनों में एसी की संख्या बढ़ी जरूर है, पर नियम यह है कि शाम में जब कर्मी लौटते हैैं तो संबंधित दफ्तर का एसी और लाइट बंद कर दी जाती है। सुबह सफाईकर्मी उसे पुन: चालू करते हैैं।