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    एशियाई और प्रशांत आपदा सूचना प्रबंधन विकास केंद्र में शामिल हुए नित्यानंद राय, क्षेत्रीय आपदा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 02:00 AM (IST)

    केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने एशियाई और प्रशांत आपदा सूचना प्रबंधन विकास केंद्र के गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भाग लिया। उन्होंने आपदा जोखिम कम करने और आपदा प्रबंधन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। राय ने क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया और आपदा प्रबंधन में भारत के सक्रिय योगदान की बात कही।

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     नित्यानंद ने दोहराई क्षेत्रीय आपदा सहनशीलता और सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता

    राज्य ब्यूरो, पटना। समावेशी आपदा जोखिम डेटा शासन पर एशियाई और प्रशांत आपदा सूचना प्रबंधन विकास केंद्र (एपीडीआइएम) का 10वां सत्र नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया।

    भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह एवं आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने किया। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य एवं विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह और एनडीएमए के सचिव मनीष भारद्वाज भी सम्मिलित रहे।

    उद्घाटन भाषण में नित्यानंद ने क्षेत्रीय आपदा सहनशीलता और सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत जोखिम मूल्यांकन, भू-स्थानिक अनुप्रयोगों, प्रभाव-आधारित पूर्वानुमान, पूर्व चेतावनी प्रसार और जलवायु-सहनशील अवसंरचना नियोजन को सम्मिलित करते हुए एक व्यापक क्षमता निर्माण एजेंडा को आगे बढ़ाएगा।

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    भारत ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आपदा और जलवायु जोखिमों को कम करने के लिए एपीडीआइएम और क्षेत्रीय भागीदारों के साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

    सत्र का समापन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने और नवीन रणनीतियों के कार्यान्वयन हेतु साझा प्रतिबद्धता के साथ हुआ। विचार-विमर्श के दौरान, एपीडीआइएम पर पिछले वर्ष की गतिविधियों, 2026 में की जाने वाली गतिविधियों और 2020-2030 की रणनीतिक कार्य योजना पर गवर्निंग काउंसिल की विशिष्ट चर्चाओं पर चर्चा हुई।

    इस बैठक के परिणाम एपीडीआइएम के समग्र कार्य कार्यक्रम का मार्गदर्शन करेंगे और सेंडाई फ्रेमवर्क तथा सतत विकास के 2030 एजेंडे के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में भी सहयोग देंगे।

    गवर्निंग काउंसिल के दसवें सत्र में बांग्लादेश, ईरान, मालदीव, कज़ाकिस्तान, मंगोलिया और तुर्की सहित सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल प्रमुखों और प्रतिनिधियों के साथ-साथ ताजिकिस्तान के पर्यवेक्षक प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।