'SIR पर गुमराह कर रहे तेजस्वी, बताएं कि लालू राज में कैसे लूटे गए बूथ', मंत्री नित्यांनद राय का विपक्ष पर हमला
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लालू प्रसाद पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने तेजस्वी यादव से पूछा कि क्या विदेशी घुसपैठियों को वोट देने का अधिकार है। उन्होंने राजद शासनकाल में बूथ कैप्चरिंग और कांग्रेस द्वारा गरीबों को वोट देने से वंचित रखने की बात भी कही। नित्यानंद ने राहुल गांधी से कांग्रेस के शासनकाल में हुई धांधली पर जवाब मांगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। लालू प्रसाद पर अपने शासनकाल में सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने शुक्रवार को कहा कि तेजस्वी यादव मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर जनता को गुमराह कर रहे हैं।
राहुल गांधी और तेजस्वी को बताना चाहिए कि क्या विदेशी घुसपैठियों को वोट देने का अधिकार है? अगर एसआईआर के जरिए घुसपैठियों के नाम हटाए जा रहे हैं, तो इसका विरोध क्यों?
वोट अधिकार यात्रा के दौरान उन्हें अपनी पार्टी के शासनकाल में सत्ता के दुरुपयोग और लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित गरीबों के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
नित्यानंद की यह प्रतिक्रिया तेजस्वी द्वारा गुरुवार को की गई उस टिप्पणी पर आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में घुसपैठियों का कोई जिक्र नहीं है।
हालांकि, सूत्रों से खबर फैली कि एसआईआर के दौरान पता चला कि मतदाता सूची में घुसपैठियों के नाम भी दर्ज हैं। नित्यानंद ने कहा कि पूरा बिहार जानता है कि कैसे लालू ने लोकतंत्र के नाम पर मतपेटियों की लूट की थी और कैसे राजद के शासनकाल में बूथ कैप्चरिंग एक राजनीतिक संस्कृति बन गई थी।
1990 से 2005 तक बिहार में सत्ता का खुला दुरुपयोग हुआ, प्रशासन अपराधियों को संरक्षण देने में लगा रहा। उस दौर में लोकतंत्र को बंधक बना लिया गया था। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। पूरे देश को राहुल गांधी से सुनना चाहिए कि कैसे कांग्रेस के शासनकाल में पहले आम चुनाव में धांधली हुई और वोटों की चोरी हुई।
उन्हें देश को यह भी बताना चाहिए कि कैसे 1951-52 में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के चुनाव में कांग्रेस सरकार ने धांधली की थी। नित्यानंद के अनुसार, कांग्रेस ने अपने शासनकाल में हाशिये के लोगों को वोट देने से वंचित रखा।
उस दौरान गरीबों और पिछड़ों को कभी भी सही मायने में वोट देने का अधिकार नहीं दिया गया। वंचितों को हमेशा उनके लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित क्यों रखा गया? वोट अधिकार यात्रा के दौरान बिहार की जनता को इसका जवाब मिलना चाहिए।
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