उत्तराखंड मसले पर बोले नीतीश : साबित हुआ कि संविधान का उल्लंघन कर रहा केंद्र
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ आये हाईकोर्ट के फैसले को महत्वपूर्ण बताया। नीतीश ने कहा कि इस फैसले का निहितार्थ यह है कि केंद्र की सरकार ही संविधान का उल्लघंन कर रही थी। केंद्र सरकार पूरी तरह से एक्सपोज हो गयी है।
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ आये हाईकोर्ट के फैसले को महत्वपूर्ण बताया। नीतीश ने कहा कि इस फैसले का निहितार्थ यह है कि केंद्र की सरकार ही संविधान का उल्लघंन कर रही थी। केंद्र सरकार पूरी तरह से एक्सपोज हो गयी है।
उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र की प्रगति को खत्म किया जा रहा था। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में मुख्यमंत्री ने यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान की 10वीं अनुसूची में जो प्रावधान है उसे निष्प्रभावी बना दिया गया। दलबदल रोकने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले एनडीए में कानून बना था। आज के एनडीए का जो वर्जन है उसमें अटल जी के समय बने कानून की धज्जी उड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में अभी जो सरकार है उसे दूसरे दल का शासन बर्दाश्त नहीं है। येन-केन प्रकारेण वह दूसरे दल के शासन को खत्म करने के लिए कुछ भी कर सकती है। अगर केंद्र की सरकार यह चाहती है तो पहले वह संविधान संशोधन कर दल बदल रोकने के लिए बने कानून को ही खत्म कर दे।
वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा जनसंख्या को लेकर दिए गए एक वक्तव्य पर मुख्यमंत्री से जब प्रतिक्रिया मांगी गयी तो उन्होंने कहा कि वह चर्चा में बने रहने के लिए ऐसा करते हैं। विचारधारा पर बोलकर अपना स्थान सुरक्षित रखना चाहते हैं। खुद जो किया उसपर तो जवाब दिया ही नहीं।
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