स्वतंत्रता दिवस पर नीतीश कुमार का बयान... राज्य में कानून का राज बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को हमारी सरकार बनी तो सबसे पहले राज्य में कानून-व्यवस्था को ठीक किया गया। राज्य में कानून का राज बनाये रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वर्ष 2005 में बिहार में पुलिस बल की संख्या मात्र 42 हजार 481 थी जो जरूरत के हिसाब से बहुत कम थी। वर्ष 2022 में पुलिस की संख्या बढ़कर एक लाख 10 हजार हो गयी।

राज्य ब्यूरो,पटना। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजधानी स्थित गांधी मैदान में झंडोत्तोलन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपवे संबोधन में कहा कि राज्य में कानून का राज बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस मौके पर उन्होंने युवाओं को नौकरी व रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार की सक्रियता व सरकार की नीतियों पर विस्तार से चर्चा की।
विधि-व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को हमारी सरकार बनी तो सबसे पहले राज्य में कानून-व्यवस्था को ठीक किया गया। राज्य में कानून का राज बनाये रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वर्ष 2005 में बिहार में पुलिस बल की संख्या मात्र 42 हजार 481 थी, जो जरूरत के हिसाब से बहुत कम थी। वर्ष 2022 में पुलिस की संख्या बढ़कर एक लाख 10 हजार हो गयी। फिर वर्ष 2023 में पुलिस बल की संख्या को बढ़ाकर 2 लाख 29 हजार तय किया गया। अब पुलिस बल की संख्या 1 लाख 31 हजार हो गयी है और नियुक्ति तेजी से जारी है।
पुलिस को बड़ी संख्या में वाहन एवं हथियार उपलब्ध कराये गये हैं ताकि उन्हें विधि-व्यवस्था बनाये रखने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2005 की तुलना में हत्या, डकैती, लूट एवं फिरौती हेतु अपहरण की घटनाओं में बहुत कमी आयी है। अब किसी प्रकार के डर एवं भय का वातावरण नहीं है। लोग देर रात तक बाजार-हाट का काम कर रहे हैं। लोग बिना डर भय के हर जगह आवाजाही कर रहे हैं।
शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया गया है। पहले बहुत कम स्कूल थे और शिक्षकों की काफी कमी थी जिसके कारण स्कूलों में ठीक से पढ़ाई नहीं होती थी। बड़ी संख्या में नये स्कूल खोले गये और नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई। शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु लड़के-लड़कियों के लिए पोशाक एवं साईकिल योजना चलायी गयी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 से बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 2 लाख 58 हजार सरकारी शिक्षकों की बहाली की गयी है।
वर्ष 2006 से स्थानीय निकायों के माध्यम से 3 लाख 68 हजार नियोजित शिक्षक बनें, जिसमें से बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 28 हजार 976 सरकारी शिक्षक बन गये और 3 लाख 39 हजार 24 नियोजित शिक्षक शेष बचे। फिर सरकार ने तय किया कि नियोजित शिक्षको को बीपीएससी की परीक्षा देने की जरूरत नहीं है. उन्हें मामूली सी परीक्षा लेकर, सरकारी शिक्षक बनाया जाय। इसके लिए उन्हें 5 मौके तय किए गए।
अब तक 2 परीक्षाओं का आयोजन हो चुका है। जिसमें 2 लाख 54 हजार नियोजित शिक्षक पास हो गये हैं। अब केवल 85 हजार शेष बच गये हैं। हाल ही में तीसरी परीक्षा का आयोजन हो गया है। उसका रिजल्ट नहीं आया है। इसके बाद 2 मौके और दिए जायेंगे। अब कुल मिलाकर सरकारी शिक्षकों की संख्या 5 लाख 12 हजार हो गयी है।
शुरू से ही सभी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया गया है। पहले स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत खराब थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज के लिए प्रतिमाह मात्र 39 मरीज ही आते थे यानी प्रतिदिन एक या दो मरीज आते थे। वर्ष 2006 से अस्पतालों में मुफ्त दवा और इलाज की पूरी व्यवस्था की गयी।
अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में हर महीने औसतन 11 हजार 600 मरीज आते है। उन्होंने कहा कि पहले मात्र 6 मेडिकल कालेज थे जिनकी संख्या अब 12 हो गयी है तथा 21 जिलों में नये मेडिकल कालेज बनाये जा रहे हैं, बचे सात जिलों में भी मेडिकल कालेज बनाये जायेंगे। पटना मेडिकल कालेज एवं अस्पताल को पांच हजार 400 बेड तथा अन्य पांच पुराने मेडिकल कालेज को 2500 बेड का किया जा रहा है। साथ ही आईजीआईएमएस को तीन हजार बेड का बनाया जा रहा है।
युवाओं को नौकरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों की सरकार द्वारा युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। शुरू में आठ लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गयी। फिर वर्ष 2020 में सात निश्चय-2 के तहत 10 लाख नौकरी एवं 10 लाख रोजगार देना तय किया गया। बाद में इसे बढ़ाकर तय किया गया कि 10 लाख नौकरी की जगह 12 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी तथा 10 लाख रोजगार की जगह 38 लाख रोजगार दे दिया जायेगा।
यानि अब तक कुल मिलाकर 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार दे दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर लगातार काम कर रही है और वर्तमान तक लगभग 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। जहां तक रोजगार की बात है 39 लाख लोगों को रोजगार दे दिया गया है। बिहार विधान सभा चुनाव से पहले ही 50 लाख से अधिक सरकारी नौकरी एवं रोजगार दे दिया जायेगा। अगले 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देना तय किया गया है।
महिला सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया है। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण से शुरुआत की गयी। अब तक चार चुनाव हो चुके हैं। बड़ी संख्या में महिलायें चुनकर आ रही हैं। वर्ष 2013 से पुलिस में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण दिया।
अब बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है। वर्ष 2016 से महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या बहुत कम थी। वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूह का गठन किया जिसे ''जीविका'' नाम दिया। उन्होंने कहा कि अब स्वयं सहायता समूह की संख्या लगभग 11 लाख हो गयी है जिसमें ''जीविका दीदियों'' की संख्या 1 करोड़ 40 लाख हो गयी है।
प्रगति यात्रा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 के दिसम्बर एवं 2025 के जनवरी-फरवरी माह में मैंने प्रगति यात्रा के दौरान सभी जिलों में जाकर विकास कार्यों को देखा और जो कमी रही उसे पूरा करने के लिए 430 नयी योजनाओं की स्वीकृति दी है जिन पर 50 हजार करोड़ रुपये की लागत आयेगी।
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