केंद्र में नई सरकार को सहयोग के बदले नीतीश कुमार भाजपा से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर सकते हैं। जदयू नेता केसी त्यागी ने इस संबंध में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जाति गणना की मांग पुरानी है। खुद पीएम मोदी भी इसके समर्थक हैं। उन्होंने कभी भी राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना का विरोध नहीं किया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव की मतगणना खत्म हो चुकी है। इस बार भाजपा अकेले दम पर बहुमत पाने में नाकामयाब रही है। बिहार की बात करें तो यहां भाजपा और जदयू दोनों को ही 12-12 सीटें, लोजपा रामविलास को 5 और हम को एक सीट पर जीत मिली है।
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केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के लिए जदयू का एनडीए में बना रहना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में नीतीश कुमार भाजपा के सामने कुछ शर्त रख सकते हैं।
केंद्र में नई सरकार को सहयोग के बदले नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर सकते है। आमंत्रण मिलने पर पार्टी के सांसद केंद्र सरकार में शामिल भी हो सकते हैं।
पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित गणना की मांग पुरानी है। संयोग है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसके समर्थक हैं। मोदी ने कभी राष्ट्रव्यापी जाति आधारित गणना का विरोध नहीं किया है। जदयू चाहेगा कि केंद्र की अगली सरकार जाति आधारित गणना कराए। संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण के लिए यह जरूरी है।
त्यागी ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जदयू की पुरानी मांग है। यह हमारी शर्त नहीं, बल्कि अपेक्षा है। हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री बिहार की इस मांग का सम्मान करेंगे।
त्यागी ने कहा कि राजग की अगली सरकार को समर्थन देने के लिए जदयू कोई शर्त नहीं रखने जा रहा है। लेकिन, यह भी सच है कि बिहार के तेज विकास के लिए विशेष दर्जा जरूरी है। इससे राज्य की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। रोजगार और नौकरियों के नए अवसर सृजित होंगे, जो राज्य के लिए जरूरी है।
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