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    विधानसभा चुनाव तक सरकारी नौकरी और रोजगार पाने वालों की संख्या 50 लाख पार कर जाएगी: नीतीश

    Updated: Tue, 04 Mar 2025 08:13 PM (IST)

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि इस साल के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सरकारी नौकरी पाने वालों और रोजगार पाने वालों की संख्या 50 लाख के पार हो जाएगी। इनमें से 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी मिलेगी और 38 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने राजद पर भी हमला बोला। कहा कि राजद सिर्फ मुसलमानों का वोट लेता था।

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    विधानसभा चुनाव तक सरकारी नौकरी और रोजगार पाने वालों की संख्या 50 लाख पार कर जाएगी: नीतीश

    राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा है कि इस साल विधानसभा चुनाव से पहले नई सरकारी नौकरियां और रोजगार पाने वालों की संख्या 50 लाख पार कर जाएंगी। इनमें 12 लाख लोग सरकारी नौकरी पाएंगे। 38 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद के प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर दे रहे थे। यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया।

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    मुख्यमंत्री ने कहा कि नवंबर 2005 में सरकार के गठन के साथ ही वे राज्य के विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली आदि के क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धियां हासिल हुई हैं। उन्होंने कहा कि 2020 में सात निश्चय-दो लागू किया गया। इसके तहत 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था।

    उन्होंने कहा कि अबतक नौ लाख 35 हजार लोगों को सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं। विधानसभा चुनाव तक इनकी संख्या 12 लाख से अधिक हो जाएगी। इसी तरह 10 लाख के लक्ष्य के बदले 24 लाख लोगों लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। विधानसभा चुनाव तक यह संख्या 38 लाख से अधिक हो जाएगी।

    उन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के केंद्रीय बजट में बिहार के लिए किए गए विशेष आर्थिक प्रविधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र की विशेष मदद से सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य, पर्यटन आदि के क्षेत्रों को बड़ी राहत मिली है। इसी तरह मखाना बोर्ड के गठन एवं हवाई अड्डे के विस्तार के अलावा केंद्र की ओर से राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना के बाद 94 लाख गरीब परिवारों को राज्य सरकार दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है।

    नीतीश कुमार ने कहा कि प्रगति यात्रा के दौरान मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने 430 नई योजनाओं की स्वीकृति दी। इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इनके लिए 25 हजार करोड़ रुपये के खर्च का प्रविधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिना भेदभाव के समाज के हरेक तबके लिए काम कर रही है।

    राजद सिर्फ मुसलमानों का वोट लेता था

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद के लोग मुसलमानों का वोट तो लेते थे, लेकिन मुसलमान अगर किसी संकट में पड़ते थे तो मदद नहीं करते थे।हमने आठ हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करवाई। बाद में 1227 कब्रिस्तानों की घेराबंदी की मांग की गई। इनमें से 746 की घेराबंदी हो गई है। इसके अलावा 60 साल पुराने मंदिरों की घेराबंदी भी कराई गई। हमारी सरकार ने भागलपुर दंगा के दोषियों को सजा दिलाई।

    पुलिस में बड़ी बहाली

    नीतीश ने कहा कि पहले लोग शाम सात बजे के बाद घर से नहीं निकलते थे। अब देर रात तक महिलाएं भी राजधानी में घूमती नजर आ रही हैं। पुलिस में बड़े पैमाने पर बहाली की गई। साइकिल, पोशाक और किताब की योजना के कारण शिक्षा का काफी विकास हुआ। इस योजना का लाभ छात्र-छात्राओं को दिया जा रहा है। दो लाख तिरपन हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा दिया गया। इससे पहले दो लाख 17 हजार से अधिक शिक्षकों की बहाली की गई।

    अब आते हैं 11 हजार मरीज

    उन्होंने कहा कि 2005 से पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक महीने में 29 मरीज आते थे। अब औसतन 11 हजार मरीज आते हैं। पहले छह मेडिकल कालेज और अस्पताल थे। अब इनकी संख्या 14 हो गई है। अभी और कई मेडिकल कालेज खुलेंगे। पीएमसीएच में बेड की संख्या पांच हजार चार सौ होने जा रही है। यह देश का सबसे बड़ा अस्पताल होगा। आइजीआइसी एवं आइजीआइएमएस का विस्तार हो रहा है।

    चार घंटे में पटना की यात्रा

    अब चार घंटे में राज्य के किसी हिस्से से पटना पहुंचने लायक सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। पहले यह लक्ष्य छह घंटे का था। उसे पांच घंटे किया गया। अब चार घंटे का लक्ष्य लेकर काम हो रहा है।

    बिजली बहुत कम जगह पर थी। पटना तक में आठ घंटा से अधिक बजली नहीं रहती थी। ग्रामीण क्षेत्रों का और बुरा हाल था। हर घर बिजली, नल का जल, शौचालय और गली का निर्माण किया गया है। लोग शौच के लिए बाहर जाते थे। इससे कई तरह की बीमारियां होती थीं।

    सात निश्चय-दो में भी अनेक काम किए गए हैं। आइटीआई पॉलिटेक्निक संस्थानों में एक्सलेंस सेंटर बनाए जा रहे हैं।

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