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    बिहार में बड़ी सियासी उठापटक के चार संकेत! JDU दफ्तर से अचानक लालू से मिलने पहुंचे नीतीश, उपेंद्र के बदले सुर

    By Jagran NewsEdited By: Yogesh Sahu
    Updated: Sun, 24 Sep 2023 02:57 PM (IST)

    बिहार में रविवार को एक घंटे के दौरान सियासी उठापटक के चार-चार संकेत मिले हैं। इन संकेतों के चलते सियासी हलकों में चर्चा तेज हो गई है। दरअसल सबसे पहले तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक बुला ली है। इसके बाद लालू यादव से मुलाकात के लिए सीएम राबड़ी देवी के आवास गए। हालांकि इस दौरान लालू वहां मौजूद नहीं थे।

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    बिहार में बड़ी सियासी उठापटक के चार संकेत! लालू से मिलकर अचानक JDU दफ्तर पहुंचे नीतीश, उपेंद्र के बदले सुर

    CM Nitish Kumar : जागरण डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में रविवार को एक घंटे के दौरान सियासी उठापटक के चार-चार संकेत मिले हैं। इन संकेतों के चलते सियासी हलकों में चर्चा तेज हो गई है। दरअसल, सबसे पहले तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक (Bihar Cabinet Meeting) बुला ली है। इस बीच नीतीश कुमार रविवार सुबह अचानक से जदयू कार्यालय (JDU Office) पहुंच गए। यहां थोड़ी देर रुके। इसके बाद लालू यादव (Lalu Yadav) से मुलाकात के लिए सीएम राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास चले गए। इधर, इस दौरान जदयू छोड़कर नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) का बयान आया, जिसमें सीएम को लेकर उनके सुर बदले हुए नजर आए।

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    बिहार की सियासत जो चार संकेत मिले हैं, यह काफी अहम हैं। बता दें कि रविवार सुबह ही जदूय नेता और बिहार विधानसभा के डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी (Maheshwar Hazari) ने दावा किया था कि आईएनडीआईए गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) होंगे। ऐसे में कैबिनेट बैठक (Bihar Cabinet Meeting) का बुलाया जाना और लालू यादव से उनकी मुलाकात को इसी जोड़कर देखा जा रहा है।

    नीतीश कुमार ने बुलाई कैबिनेट की बैठक

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने सोमवार दोपहर 3.30 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इसमें प्रदेश से जुड़े कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। इनमें से एक फैसला शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने का हो सकता है।

    वहीं, कैबिनेट के विस्तार का मसला भी लटका हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायकों को इसमें शामिल करने की मांग की हुई है। ऐसे में इस पर भी फैसला हो सकता है।

    बिहार सरकार (Bihar Government) के सचिवालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सोमवार 25 सितंबर को मंत्रिपरिषद की बैठक (Cabinet Meeting) पटना में मुख्य सचिवालय स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में होगी।

    संयुक्त सचिव निशीथ वर्मा के हस्ताक्षर से जारी किए गए इस पत्र की प्रति सभी संबंधित अधिकरियों को भेजी गई है।

    जदयू कार्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश

    लालू यादव से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक ही जदयू कार्यालय पहुंच गए। यहां उन्होंने पार्टी कार्यकार्ताओं से बात की। सूचना है कि इसके बाद सीएम अचानक से बख्तियारपुर स्थित पैतृक आवास पर भी पहुंचे। यहां उनके आने की कोई सूचना नहीं थी। उन्होंने यहां पहुंचकर लोगों से मुलाकात की।

    राबड़ी आवास पर लालू यादव से मिलने पहुंचे सीएम

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) सोमवार को होने वाली कैबिनेट बैठक से पहले रविवार को राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात के लिए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास पर पहुंचे। इस दौरान लालू यादव से उनकी भेंट नहीं हो पाई।

    बताया गया कि लालू अपने बेटे तेजप्रताप यादव के साथ राजगीर चले गए थे। इस वजह से दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई। हालांकि, सीएम का ऐसे अचानक लालू यादव (Lalu Yadav) से मिलने के लिए जाना सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।

    बताया जा रहा है कि दोनों के बीच आईएनडीआईए गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बात होनी थी। खास बात यह भी है कि नीतीश ने लालू से मिलने आते और जाते वक्त मीडिया से भी कोई बात नहीं की।

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    उपेंद्र कुशवाहा के सुर बदले

    इधर, जदयू से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा (Upendera Kushwaha) के सुर रविवार को बदले-बदले नजर आए। दरअसल, कुशवाहा का एक बयान सामने आया जिसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़े खुलासे किए।

    उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी व्यक्तिगत तौर पर उन्हें (सीएम नीतीश कुमार) कुछ भी नहीं कहा है। जब हम पार्टी में थे तब भी सवाल करते थे, उनकी नीतियां जो ठीक नहीं होती थीं, उसका विरोध करते थे। मेरा उनसे राजनैतिक विरोध रहा है।

    उपेंद्र ने यह भी कहा कि मुझे उनकी बहुत फिक्र है, अच्छा होगा कि वे जितना जल्दी महागठबंधन छोड़ दें। नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को अगर बल्ड भी देना होगा तो उसमें उपेंद्र कुशवाहा का नामल पहली पंक्ति में होगा। कुल मिलाकर उपेंद्र ने कहा कि नीतीश कभी याद करेंगे तो मैं समर्थन के लिए तैयार हूं।

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