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    Bihar Road Project: 365 दिनों में 5400 KM सड़क बनाने का टारगेट, नीतीश सरकार ने कर दिया एलान

    बिहार में ग्रामीण सड़कों की स्थिति में सुधार लाने के लिए ग्रामीण कार्य विभाग ने बड़ी पहल की है। विभाग ने अगले तीन महीने यानी जून तक राज्य की सभी ग्रामीण सड़कों को गड्ढामुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 20 हजार 626 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस योजना के तहत 13 हजार 452 सड़कों की मरम्मत की जाएगी जिनकी कुल लंबाई 23 हजार 541 किलोमीटर है।

    By Raman Shukla Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 21 Mar 2025 08:32 PM (IST)
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    365 दिनों में 5400 KM सड़क बनाने का टारगेट

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में शुक्रवार को राष्ट्रगान को लेकर उत्पन्न गतिरोध, विपक्षी सदस्यों के आसन के सामने शोरशराबे के बीच ग्रामीण कार्य विभाग समेत 11 विभागों का बजट पारित हो गया। सदन को यह भी बताया गया कि 2025-26 में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत 6 हजार करोड़ की लागत से 2500 बसावटों में तक कुल 5400KM रोड बनाने की तैयारी है।

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    इससे पहले, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने सदन को बताया कि बिहार में 2005 के पूर्व ग्रामीण संपर्कता की स्थिति अत्यंत भयावह थी। तत्कालीन सरकार ने कोई काम नहीं किया था। इस कारण ही बिहार आर्थिक पिछड़ेपन का शिकार हुआ।

    उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में जहां आठ हजार किलोमीटर (किमी) ग्रामीण सड़कें थी, वर्तमान में एक लाख 17 हजार 913 किमी हो गई है। नीतीश सरकार ने तेजी से ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया। बिहार की सड़कों में 83 प्रतिशत भाग ग्रामीण कार्य विभाग ने बनाया है।

    मंत्री ने भोजनावकाश के उपरांत विभागवार बजट पर वार-विवाद के दौरान सदन को सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराया।

    सरकार की ओर से उत्तर देते हुए ग्रामीण कार्य मंत्री ने कहा कि अभी ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के तहत मरम्मत अवधि से बाहर 13 हजार 452 सड़कों जिसकी लंबाई 23 हजार 541 किमी है, इसकी प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इस मद में 20 हजार 626 करोड़ खर्च होने हैं।

    अगले तीन महीने यानी जून तक इन सड़कों को पॉटलेस (गड्ढामुक्त) कर दिया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 तक इसके सरफेस लेयर का काम पूरा कर लिया जाएगा।

    उन्होंने कहा कि जब पीएम ग्रामीण सड़क योजना लागू हुई तो बिहार में आरईओ उसे लागू करने में अक्षम था। इस कारण पीएमजीएसवाई का क्रियान्वयन केंद्रीय एजेंसियों ने किया। ग्रामीण कार्य विभाग का गठन होने के बाद गांवों में तेजी से सड़कों का निर्माण हुआ।

    '7518 KM सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर...'

    मंत्री ने कहा कि फरवरी 2025 तक राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से 36 हजार 612 करोड़ खर्च कर 64 हजार 345 किलोमीटर सड़क और 946 पुलों का निर्माण किया। पीएमजीएसवाई से 34 हजार 227 करोड़ खर्च कर 53 हजार 568 किलोमीटर सड़क और 1387 पुल बनाए गए, जबकि 17 हजार 346 करोड़ खर्च कर 48 हजार 618 किमी सड़कों का नवीकरण हुआ। अभी 7518 किमी सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति में है।

    मरम्मत अवधि से बाहर हुई 31 हजार 31 किमी सड़कों का नवीनीकरण हो रहा है। मुख्यमंत्री सेतु योजना के तहत तीन हजार करोड़ से 700 पुलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 14 पुलों की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गई है।

    अंत में विपक्ष के विरोध को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने भवन निर्माण, नगर विकास एवं आवास विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग, परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग संसदीय कार्य विभाग, विज्ञान प्रावैद्यिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त श्रम संसाधन विभाग के मंत्रियों को सदन के पटल पर रखने का नियमन दिया। इसके साथ ही ध्वनी मत से संबंधित विभागों का बजट पारित हो गया।

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