Nitish Kumar: विधानसभा में नीतीश सरकार की एक और उलझन, BJP विधायक ने बढ़ाई टेंशन! विपक्ष को मिल गया मौका
भाजपा विधायक के सवाल ने बुधवार को नीतीश सरकार की टेंशन बढ़ा दी। बीजेपी विधायक के सवाल पर विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरने की कोशिश की। विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए वेल में आकर नारेबाजी की और रिपोर्टर के टेबल को पीटा और हंगामा भी किया। अध्यक्ष ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए मंत्री से कहा कि जो भ्रम की स्थति है उसे दूर करने की जरूरत है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा की पहली पाली में बुधवार को भाजपा विधायक विनय बिहारी के सवाल पर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए वेल में आकर नारेबाजी की और रिपोर्टर के टेबल को पीटा और हंगामा भी किया। विनय बिहारी ने पूछा था कि मजदूरों के बिहार से बाहर मौत पर दो लाख रुपये मुआवजे देने का प्रविधान है, जबकि राज्य में किसी मजदूर की सड़क दुर्घटना में मौत होने पर उनके आश्रित को चार लाख रुपये दिए जाते हैं, यह न्यायसंगत नहीं है।
इस पर उप मुख्यमंत्री व श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य के कामगार को बिहार से बाहर मृत्यु होने पर आश्रित को दो लाख रुपये श्रम संसाधन विभाग द्वारा प्रदान किया जाता है, जबकि आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से भी चार लाख दिए जाते हैं। इस प्रकार कुल छह लाख रुपये आश्रित को दिए जाते हैं।
'यह भेदभाव क्यों'
इस पर विनय बिहारी ने पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि यह भेदभाव क्यों। विपक्ष के विधायकों ने विनय बिहारी के सवाल का समर्थन कर दिया और सरकार से मुआवजे की रकम को एकसमान करने की मांग सदन में करने लगे।
'इन लोगों ने क्या किया'
विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए मंत्री से कहा कि जो भ्रम की स्थति है उसे दूर करने की जरूरत है। तब मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मामले की समीक्षा कर लेते हैं, जो सम्भव हो किया जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर तंज करते हुए यह भी कहा कि विपक्ष को भी कामगारों को सेवा करने का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने क्या किया? उस वक्त क्यों मौन थे।
इसी बात पर विपक्ष के सभी सदस्य वेल में आ गए और हंगामा करने लगे। तभी सदन के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आ गए, लेकिन विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही चलती रही। इसके बाद विपक्ष के तमाम सदस्य कार्यवाही का बहिष्कार कर चले गए।
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