दरभंगा एम्स पर बिहार में सियासी उबाल: नीतीश को सुशील मोदी ने बताया अहंकारी, CM ने भी रखी अपनी बात
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एम्स के लिए दी गई जमीन को उपयुक्त बताया है। वहीं सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी को श्रेय न मिलने देने के लिए ही अड़ंगेबाजी की गई है। एनडीए की सरकार गिरने के कारण भूमि आवंटन प्रक्रिया रुकी।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के दरभंगा के शोभन में बनने जा रहे एम्स को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। इस मामले में अब खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दल भाजपा को जवाब दिया है।
इधर, भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने नीतीश को अहंकारी बताते हुए हमला बोला है। ऐसे में एम्स को लेकर बिहार की सियासत में उबाल आना लाजमी है।
दरअसल, इस एम्स के लिए दी गई जमीन को उपयुक्त नहीं मानने के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय के पत्र पर राज्य सरकार हैरान है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को इस संबंध में पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कहा कि शोभन में एम्स के लिए राज्य सरकार ने जो जमीन दी है, वह पूरी तरह से उपयुक्त है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जो पूर्व में केंद्रीय मंत्री थे, उन्होंने आरंभ में यह स्वीकार किया था कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीएमसीएच) में ही एम्स बनाएंगे। पर वहां की स्थिति ठीक नहीं थी।
हम लोगों ने तय किया हुआ है कि डीएमसीएच को और भी बड़ा बनाएंगे। पीएमसीएच की तरह उसका भी विस्तार किया जाएगा। वह बिहार का दूसर मेडिकल कॉलेज है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद हम लोगों ने डीएमसीएच के बगल में ही जमीन दिखाई। वहां पर काम भी बढ़ा। इसके बाद जब हम दरभंगा के दौरे पर थे तो वहां के डीएम ने शोभन की जमीन दिखाई।
सीएम ने कहा कि वह जमीन काफी अच्छी है। हम लोगों ने वहां दो लेन का रास्ता भी दिया, जिसे फोरलेन किया जाना है। पर पता नहीं केंद्र सरकार के पास कोई और दिमाग है।
शोभन में बाहर से आने वाले लोगों को पहुंचने में काफी सहूलियत है। पर जब हम कोई अच्छा काम करने का सुझाव देंगे तो मेरी बात नहीं सुनी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी मत कीजिए, आगे जब ये लोग केंद्र से हटेंगे, तब अच्छा-अच्छा काम किया जाएगा।
नीतीश के अहंकार की भेंट चढ़ा 2000 करोड़ का दरभंगा एम्स: सुशील मोदी
इधर, राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अहंकार और महागठबंधन सरकार में राजद-जदयू के बीच खींचतान के चलते उत्तर बिहार के लाखों लोग 2000 करोड़ रुपये से बनने वाले दरभंगा एम्स के रूप में केंद्र सरकार की बड़ी सौगात पाने से वंचित रह गए।
दरभंगा में एम्स बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नहीं मिले, इसलिए पहले दो साल तक तो मुख्यमंत्री इस बात पर अड़े रहे कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) को ही अपग्रेड कर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बना दिया जाए।
उन्होंने कहा कि किसी मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड कर एम्स बनाने का नियम नहीं है, इसलिए अंतत: बिहार सरकार दरभंगा एम्स के लिए डीएमसीएच परिसर में ही 150 एकड़ जमीन देने पर राजी हो गई।
82 एकड़ जमीन आवंटित भी कर दी गई थी। नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के कारण जैसे ही राजद से हाथ मिलाया और सरकार बदल दी, वैसे ही दरभंगा एम्स सहित कई विकास परियोजनाओं पर ग्रहण लग गया।
सरकार में राजद और जदयू के बीच दरभंगा एम्स का श्रेय लेने की होड़ मच गई। लालू प्रसाद के करीबी भोला यादव ने जब किसी संवैधानिक पद पर रहे बिना अशोक पेपर मिल (हायाघाट) की जमीन पर एम्स बनने की घोषणा कर दी, तब इसके जवाब में जदयू के लोग शोभन में एम्स बनवाने के लिए सक्रिय हुए।
यही नहीं, नीतीश कुमार के इशारे पर मधेपुरा के दिनेशचंद्र यादव सहित दो दर्जन जदयू सांसदों ने केंद्र सरकार को ज्ञापन देकर दरभंगा के बजाय सहरसा में एम्स बनवाने की मांग कर दी।
अब शोभन की 20-30 फीट गड्ढे और जलजमाव वाली जमीन का निरीक्षण करने बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने इसे अस्वीकार कर दिया और कोई दूसरी भूमि आवंटित करने का आग्रह किया है।
दरभंगा एम्स को राजनीतिक दांव-पेच में उलझाना चाहती है भाजपा : जदयू
जदयू प्रदेश प्रवक्ता अजय चौधरी ने सोमवार को कहा कि दरभंगा में बनने वाले एम्स को भाजपा राजनीति के दांव-पेच में उलझाना चाहती है।
वह दरभंगा एम्स के निर्माण कार्य को रुकवाना चाहती है। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए एम्स के निर्माण के लिए दरभंगा के शोभन बाईपास के पास मुफ्त में 189.17 एकड़ जमीन आवंटित की।
जमीन के विकास का भी फैसला लिया गया था। यह जमीन दरभंगा-आमस फोरलेन से मात्र पांच किमी की दूरी पर है। उक्त जमीन को समतल बनाए जाने को लेकर राज्य सरकार ने 309 करोड़ रुपये स्वीकृत भी किए हैं।

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