By Dina Nath SahaniEdited By: Yogesh Sahu
Updated: Sat, 05 Aug 2023 08:16 PM (IST)
Bihar Teachers News बिहार सरकार ने राज्य में नियोजित शिक्षकों की कई मांगों को मान लिया है। इससे करीब प्रदेश के करीब चार लाख शिक्षकों को लाभ होगा। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने के लिए राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति स्थानातंरण एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 में संशोधन किया जाएगा।
दीनानाथ साहनी, पटना। लंबे अरसे से बिना शर्त राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग कर रहे राज्य के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों को लेकर नीतीश सरकार ने बेहद ही सकारात्मक कदम उठाया है।
इससे यह साफ हो गया है कि नियोजित शिक्षकों की मांग का सम्मान करते हुए सरकार जल्द ही निहित कानूनी प्रक्रिया को पूरा करते हुए उसे लागू करने जा रही है।
राज्य कर्मचारी का दर्जा देने संबंधी कानूनी बाधा दूर करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी जल्द बनेगी।
शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने के लिए बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानातंरण एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 में संशोधन होगा और फिर संशोधित नियमावली पर मंत्रिमंडल की स्वीकृति ली जाएगी।
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एक अगस्त को सेवा निरंतरता एवं वेतन संरक्षण का मिल चुका है लाभ
दरअसल, नियोजित शिक्षकों की महत्वपूर्ण मांग यह भी थी कि यदि नियोजित शिक्षक एक नियोजन इकाई से दूसरे इकाई में जाए तो उसकी सेवा में टूट नहीं हो, बल्कि सेवा में निरंतरता कायम रखी जाए ताकि शिक्षक सेवा में उसकी वरीयता का आकलन हो सके।
दूसरी महत्वपूर्ण मांग थी कि वरीयता के आधार पर ही वेतन संरक्षण का लाभ दिया जाए। नीतीश सरकार नियोजित शिक्षकों की इन दो मांगों पर विगत एक अगस्त को मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकृति दे चुकी है।
इससे संबंधित अधिसूचना 3 अगस्त को शिक्षा विभाग की ओर से जारी हो चुकी है। शिक्षकों की तीसरी महत्वपूर्ण मांग थी कि बिना परीक्षा लिए राज्य कर्मचारी का दर्जा और स्थानातंरण की सुविधा दी जाए।
राज्य कर्मचारी का दर्जा देने में जो कानूनी अड़चन है, उसे दूर करने हेतु सरकार ने सहमति दी है। इस प्रकार नियोजित शिक्षकों की महत्वपूर्ण मांगें स्वीकार कर सरकार ने उन्हें जश्न मनाने का अवसर प्रदान किया है।
लंबित प्रोन्नति और स्थानातंरण की सुविधा जल्द नियोजित शिक्षकों की मांगों पर खासी मेहरबान नीतीश सरकार की ओर से उन्हें लंबित प्रोन्नति और स्थानातंरण की सुविधा का लाभ भी जल्द मिलेगा।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक नियोजित शिक्षकों की वर्षों से लंबित प्रोन्नति की मांग है। शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ का मसला भी जल्द दूर किया जाएगा।
महत्वपूर्ण बात यह कि अब सिर्फ एक नियमावली ही सभी प्रकार के शिक्षकों पर लागू होगी। इससे बेहतर सेवा शर्त और शिक्षा विभाग का प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो सकेगा।
नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली में सेवा निरंतरता एवं वेतन संरक्षण का स्पष्ट प्रविधान उल्लेखित किया गया। साथ ही, शिक्षकों के सेवा संबंधित जैसे अवकाश स्वीकृति, वेतन भुगतान, वेतन वृद्धि, प्रोन्नति एवं अन्य मामलों की तत्परता से निष्पादन की व्यवस्था एकसमान होगी।
ये होगा लाभ
नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने पर उनसे संबंधित नियोजन इकाइयां खत्म होंगी। फिलहाल ऐसे नियोजित शिक्षक राज्य में विभिन्न स्तर की 9,222 नियोजन इकाइयों से जुड़े हैं।
नियोजन इकाई खत्म होने पर जिला शिक्षा संवर्ग में आ जाएंगे और उनका प्राधिकार जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) होंगे।
ये शिक्षक का जिला संवर्ग कैडर होगा। 38 जिला शिक्षक नियुक्त प्राधिकार होंगे और जिला शिक्षा अधिकारी इसे लीड करेंगे।
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