Nitish Kumar: मोदी के सामने नीतीश ने किया JDU नेताओं की ओर इशारा, बोले- इनके कारण ही RJD से जुड़ गए थे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने जदयू नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हीं के कहने पर वे राजद के साथ गठबंधन में गए थे। उन्होंने मधुबनी की जनसभा में एनडीए के साथ अपने पुराने रिश्ते का हवाला दिया और अब किसी अन्य गठबंधन में न जाने का वादा किया। नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी की लड़ाई राजद से ही है।
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को बता दिया कि वे किनके कहने पर राजद के साथ गठबंधन में चले गए थे। मधुबनी जिले के लोहना में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री ने एनडीए के साथ अपने 20 साल पुराने रिश्ते का हवाला दिया।
नीतीश कुमार ने यह वादा भी किया कि अब वे किसी अन्य गठबंधन में नहीं जाएंगे। एनडीए में ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम 20 साल से एनडीए के साथ हैं। बीच में हमारी पार्टी ने गड़बड़ी कर दी।
उन्होंने मंच पर बैठे जदयू के नेताओं की ओर इशारा कर कहा-यहीं बैठे हुए हैं। इन्हीं से पूछिए। बाद में इन्हीं को लगा कि वह (राजद) गड़बड़ है। फिर हमलोग उनसे (राजद) अलग हो गए।
मंच पर जदयू के तीन प्रमुख नेता बैठे थे- केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा और ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव।
मंच से लेकर भीड़ तक होने लगी कानाफूसी
मुख्यमंत्री की ओर से किसी का स्पष्ट नाम न लेने के कारण मंच से लेकर भीड़ तक में कानाफूसी होने लगी कि आखिर इशारा किसकी ओर है, लेकिन अगले ही क्षण उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की राजद से ही लड़ाई है। 2005 में हमलोग उसी से लड़े। जीते। यही उस समय यही अध्यक्ष थे।
2005 के विधानसभा चुनाव के समय बिजेंद्र यादव पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। उनके बाद ललन सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने थे। हालांकि मुख्यमंत्री 2022 में जदयू के राजद के साथ मिलकर सरकार बनाने के प्रसंग की चर्चा कर रहे थे। उस समय ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
यह पहला अवसर नहीं है, जब मुख्यमंत्री ने गठबंधन बदलने के लिए पार्टी के दूसरे नेता को जिम्मेवार ठहराया। भाजपा से अलग होने के समय भी उन्होंने जदयू के वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा सहित अन्य नेताओं और एक पत्रकार का नाम लिया था।
राजद से अलग होने के प्रसंग की भी उन्होंने कई बार जदयू की अंदरूनी बैठकों में चर्चा की है। उस समय भी वे किसी का नाम नहीं लेते हैं। बैठक में उपस्थित किसी नेता की ओर इशारा कर देते हैं। लोहना की सभा में भी किसी का नाम नहीं लिया। अंगुली दिखाकर मुस्कुराते हुए इशारा कर दिया।
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