नीतीश सरकार का अहम फैसला, नए अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने की नीति पर लगी मुहर
बिहार सरकार ने राज्य में हवाई संपर्कता को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति को मंजूरी दी है जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर विमान सेवाओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी। पटना और गया हवाई अड्डों से कतर दुबई और काठमांडू जैसे शहरों के लिए विमान सेवा शुरू करने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके अतिरिक्त किसान सलाहकारों के मानदेय में भी वृद्धि की है।
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार को वैश्विक फलक पर मजबूती से उभारने के लिए नए अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर हवाई संपर्कता बढ़ाने की नीति को मंजूरी दी गई है। राज्य कैबिनेट की बैठक में इसके मसौदे पर मिली मंजूरी से संबंधित विस्तृत जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने दी।
सूचना भवन के सभागार में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि सभी एयरलाइंस कंपनियों को पत्र लिखकर कतर, दुबाई, श्रीलंका समेत अन्य देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय सेवा शुरू करने की अपील की गई है। इसके लिए राज्य सरकार ने व्यवहार्यता अंतर निधि (वाएविलिटी गैप फंडिंग या वीजीएफ) के तहत एक निश्चित राशि देने का भी निर्णय लिया है। टेंडर प्रक्रिया के जरिए चयनित होने वाली कंपनियों को इसका लाभ मिलेगा।
पटना से काठमांडु तक हवाई सेवा देने वाले विमान कंपनियों को 5 लाख, गया से शाहजहां तक वाले विमानों को 10 लाख के अलावा गया से बैंककॉक, गया से सिंगापुर एवं गया से कोलंबो वाले विभागों को 10-10 लाख रुपये की मौद्रिक सहायता प्रदान की जाएगी।
यह वित्तीय सहायता लेने वाले विमानों की क्षमता कम से कम 150 पैसेंजर को बैठाने की होनी चाहिए। राज्य सरकार वैसे अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा को प्रोत्साहित करने के लिए पहले से ही हवाई ईंधन यानी एटीएफ (एयर टर्बाइन फ्यूल) पर लगने वाली वैट की दर को एक फीसदी कर चुकी है।
यह नई नीति पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक नेटवर्क में बिहार की भागीदारी को सशक्त बनाने की कवायद है। इस पहल से निवेशकों को बिहार में विमानन क्षेत्र में नई संभावनाएं तलाशने के लिए प्रेरित करेगी। इससे हवाई मार्ग का विस्तार होगा। पर्यटकीय उद्योग को भी इससे काफी बल मिलेगा।
किसान सलाहकारों का मानदेय बढ़ा
राज्य सरकार ने कृषि विभाग के अंतर्गत कार्यरत किसान सलाहकारों के मानदेय में बढ़ोतरी की है। इन्हें अब प्रतिमाह 13 हजार के बदले 21 हजार रुपये मिलेंगे। इसके लिए 67 करोड़ 47 लाख रुपये के निकासी एवं व्यय की मंजूरी दी गई है। साथ ही परामर्श अवधि को बढ़ाकर 6 से 7 घंटे कर दी गई है। राज्य में 8 हजार 463 किसान सलाहकार के पद स्वीकृत हैं, जिस पर 7 हजार 47 सलाहकार कार्यरत हैं।
वैशाली में अब बन सकेगा होटल या रिसॉर्ट
मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वैशाली स्थित बुद्ध सम्यक संग्रहालय परिसर में अब रिसॉर्ट या होटल दोनों में किसी एक का निर्माण हो सकता है। इसके लिए अब 10 एकड़ के स्थान पर 5 एकड़ जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। यहां होटल या रिसॉर्ट का निर्माण पीपीपी (जन-निजी भागीदारी) माध्यम से कराया जाएगा।
दिव्यांगजनों के लिए नई नीति
राज्य में दिव्यांग युवा एवं युवतियों को स्वरोजगार या उद्यमिता के जरिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री दिव्यांगजन उद्यमी योजना नाम से एक नई योजना शुरू की गई है। अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जाने वाली योजना की तर्ज पर इस योजना को शुरू करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल) के अंतर्गत इसकी स्वीकृति प्रदान की गई है। कैबिनेट से इस योजना को शुरू करने के लिए 10 करोड़ 25 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है।
9 परियोजनाओं को 166 करोड़ की स्वीकृति
बिहार राज्य जल विद्युत निगम के अंतर्गत 12 निर्माणाधीन परियोजनाओं में 9 तेजपुरा, डेहरा, सिपहा, वलिदाद, पहरमा, मथौली, राजापुर, अमेठी और डेहरी स्केप के लिए पुनरीक्षित राशि 166 करोड़ 81 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। शेष 3 परियोजनाओं बरबल, रामपुर और नटवार को बंद करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
कैबिनेट के अन्य प्रमुख फैसले
- पटना के फुलवारीशरीफ अंचल के जगनपुरा मौजा में राज्य सरकार की 0.0158 एकड़ जमीन को मेट्रो स्टेशन निर्माण के लिए 30 हजार रुपये प्रति डिसमिल की दर से पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है।
- बाल श्रम उन्मूलन, विमुक्ति एवं पुनर्वास के लिए गठित राज्य कार्य योजना, 2017 लागू किया गया है। इसमें परिवहन, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण, पंचायत समेत अन्य विभागों को जोड़ा गया है और इनके कार्य निर्धारित किए गए हैं।
- गया में स्थापित होने वाले आपातकालीन हेल्पलाइन सेवा यानी डायल-112 के मिरर साइट कमांड एवं कंट्रोल सेंटर के संचालन के लिए 132 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
- पटना नहर के बाएं बांध सह सोन सुरक्षा तटबंध को मजबुत किया जाएगा। इसके लिए 100 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसकी फरवरी 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- सारण जिला के जलालपुर अंचल में 11 बीघा 4 कट्ठा जमीन भूमि डेयरी प्रोजेक्ट प्लांट के लिए हस्तांतरित की गई है।
- गया जिला के नगर अंचल के दुर्बे मौजा में 15 एकड़ जमीन खेल मैदान के लिए हस्तांतरण किया गया है।
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