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    अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी व साइबर ठगी मामले में एनआइए की बड़ी कार्रवाई, आरोपित की दो संपत्तियां जब्त

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 08:09 AM (IST)

    राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी आनंद कुमार सिंह की दो संपत्तियां जब्त की हैं। आनंद कु ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, पटना। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी से जुड़े एक बड़े मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपित की अवैध रूप से अर्जित दो अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई वांछित आरोपी आनंद कुमार सिंह के खिलाफ की गई है, जो वर्तमान में कंबोडिया में रहकर इस संगठित अपराध को संचालित कर रहा था।

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    एनआइए द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, आरोपी आनंद कुमार सिंह ने अवैध कमाई का उपयोग करते हुए अपनी पत्नी के नाम पर महाराष्ट्र के ठाणे में एक फ्लैट और बिहार के सिवान जिले में एक भूखंड खरीदा था।

    जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ये दोनों संपत्तियां अपराध से अर्जित धन से खरीदी गई थीं। इसी आधार पर एनआइए ने कानूनी प्रक्रिया के तहत इन्हें जब्त कर लिया है।

    एजेंसी की जांच में यह भी सामने आया है कि आनंद कुमार सिंह भारतीय युवाओं को अच्छे वेतन वाली वैध नौकरियों का झांसा देकर विदेश, विशेष रूप से कंबोडिया, ले जाने में शामिल था।

    वहां पहुंचने के बाद इन युवाओं को जबरन साइबर धोखाधड़ी जैसे अवैध कार्यों में लगाया जाता था। कई मामलों में युवाओं के पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते थे और उन्हें शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना का भी सामना करना पड़ता था।

    पटना स्थित विशेष एनआइए अदालत ने इस मामले में 10 दिसंबर को अहम आदेश पारित करते हुए दोनों संपत्तियों को ‘अपराध की आय’ मानते हुए जब्त करने की अनुमति दी थी।

    अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि इन संपत्तियों की नीलामी से प्राप्त धनराशि को जब्त कर सरकारी खजाने में जमा कराया जाए।

    जांच एजेंसी के अनुसार, आरोपी एक ऐसे संगठित गिरोह का हिस्सा था, जो भारत के आर्थिक रूप से कमजोर और बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाता था।

    सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से आकर्षक नौकरी के विज्ञापन देकर युवाओं को फंसाया जाता था। एनआइए का कहना है कि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच लगातार जारी है।

    एनआइए की इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।