मौत से पहले गर्लफ्रेंड से मिला था पटना का कुख्यात अपराधी, हत्या में बिहार पुलिस का जवान निकला जासूस
अमित सिंह उर्फ निशांत की झारखंड के देवघर कोर्ट में पेशी के दौरान गोली मारकर मौत के घाट उतारने के मामले में पटना पुलिस के एक सिपाही ने जासूस की भूमिका निभाई थी। मामले में एएसआइ समेत चार जवान झारखंड पुलिस की हिरासत में हैं।

प्रशांत कुमार, पटना : चर्चित सिनेमा हाल मालिक हत्याकांड में सजायाफ्ता अमित सिंह उर्फ निशांत की झारखंड के देवघर कोर्ट में पेशी के दौरान गोली मारकर मौत के घाट उतारने के मामले में पटना पुलिस के एक सिपाही ने अय्यार (जासूस) की भूमिका निभाई थी। उसने ही लाइनर बनकर विरोधी गुट को बताया था कि कोर्ट में कितने बजे पेशी होगी और इसके बाद वह अधिवक्ता के चैंबर में बैठेगा। यही कारण रहा कि वह अपने साथ आए एएसआइ राम अवतार राम और तीन अन्य जवानों को नाश्ता कराने लेकर गया था। फिलहाल, एएसआइ समेत चारों जवान झारखंड पुलिस की हिरासत में हैं। उनसे देवघर टाउन थाने में पूछताछ की जा रही है। उन्होंने झारखंड पुलिस को झूठी कहानी सुनाई थी। सूत्रों की मानें तो इस बाबत पटना के पांचों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा सकता है। इनके अलावा अमित की गर्लफ्रेंड और छह गुर्गों से भी पूछताछ की जा रही है।
ट्रेन के बजाय कार से देवघर पहुंचा था अमित
पटना पुलिस ने बताया था कि वे 17 जून की रात ट्रेन से अमित को लेकर जसीडीह स्टेशन पहुंचे। पूरी रात स्टेशन पर ही बिताई और सुबह पेशी के लिए सीधे देवघर जिला कोर्ट में लेकर आए थे। हालांकि, उनका झूठ पकड़ा गया। तफ्तीश में मालूम हुआ कि वे अमित को कार से देवघर लेकर आए थे। पुलिस ने तीन कार भी जब्त की है। सूत्रों के मुताबिक, इस बाबत पटना पुलिस के जवानों पर आइपीसी की धारा 182 और 211 के तहत देवघर टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी है।
रेंजर के घर में गर्लफ्रेंड के साथ बिताई थी रात
जांच में देवघर पुलिस को जानकारी मिली कि 17 जून की देर शाम पुलिसकर्मियों के साथ अमित सिंह कार से वहां के रिहायशी इलाका साहेब पोखर स्थित एक बंगले में गया था, जहां उसकी गर्लफ्रेंड छह गुर्गों के साथ पहुंची। यह बंगला झारखंड में तैनात एक रेंजर का है, जो पटना के बिहटा के रहने वाले हैं। उनके ही घर में अमित ने गर्लफ्रेंड के साथ रात बिताई। शराब पार्टी भी की और अगली सुबह अपहरण के मामले में कोर्ट में पेश होने गया।
उपासना एक्सप्रेस गोलीकांड का संदिग्ध रहा था सिपाही
जिस सिपाही को अमित सिंह हत्याकांड का लाइनर माना जा रहा है, उसकी भूमिका पहले से भी संदिग्ध रही है। फरवरी 2021 में बेउर जेल से सियालदह भेजे जा रहे कैदी कुणाल शर्मा पर उपासना एक्सप्रेस में गोली चली थी, जिसमें वह बच गया। गोली गार्ड को लग गई थी। संदिग्ध सिपाही का नाम इस गोलीकांड में आया था। बताया गया था कि बेउर जेल की प्रवेश शाखा से सूचना लेकर सिपाही ने कुणाल के विरोधियों को दी थी। उसके विरोधी मोकामा स्टेशन पर ट्रेन में चढ़े और लखीसराय के बीच वारदात को अंजाम दिया। बता दें कि कौन कैदी किस ट्रेन या गाड़ी से कहां जाने वाला है, इसकी जानकारी जेल की प्रवेश शाखा से ही मिलती है। अमित सिंह हत्याकांड में भी बेउर जेल की प्रवेश शाखा के कर्मचारियों की भूमिका भी संदेहास्पद है।
बेउर जेल में होनी थी अमित की हत्या
संदिग्ध सिपाही के मोबाइल नंबर की काल रिकार्ड खंगाली जा रही है। बताया जाता है कि वह लगभग सभी कुख्यात अपराधियों के संपर्क में था, मगर एक पूर्व कैदी राइटर से उसकी लगातार बातें होती थीं। फिलहाल, वह कैदी भागलपुर जेल में बंद है। सूत्रों की मानें तो उस कैदी को बेउर जेल में अमित की हत्या करने के लिए दो करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। इसकी भनक जेल प्रशासन को लग गई और उसे भागलपुर भेज दिया गया। हालांकि, इस बारे में अमित सिंह को कोई जानकारी नहीं दी गई थी। गौरतलब है कि देवघर कोर्ट में अमित को पेश कराने के लिए एएसआइ के साथ पांच सिपाहियों की कमान कटी थी, लेकिन एक जवान बीमारी का बहाना बनाकर गायब हो गया। कहा जा रहा है कि उसे हत्या की भनक लग गई थी।
देवघर एसपी से मांगी गई रिपोर्ट
पटना एसएसपी डा. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि देवघर एसपी से पूरे प्रकरण पर रिपोर्ट मांगी गई है। अभी रिपोर्ट नहीं आई है। उसमें किस तरह के तथ्य सामने आते हैं, इसके बाद अमित के साथ गए पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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