Harsh Firing: धाक जमाने के लिए हथियार चमकाया तो फौरन गिरफ्तारी, बिहार में हर्ष फायरिंग रोकने को नए आदेश जारी
Bihar News हर्ष फायरिंग के मामले में अब आयोजकों पर भी शिकंजा कसेगा। शादी समारोह जन्मदिन या अन्य समारोह के अवसर पर फायरिंग होने पर आयोजकों को भी जवाब देना होगा। अगर आयोजकों की भूमिका संदिग्ध होती है तो उनपर भी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

राज्य ब्यूरो, पटनाः राज्य भर में हर्ष फायरिंग को लेकर सख्ती और बढ़ेगी। हर्ष फायरिंग के दौरान कोई घायल नहीं हुआ तो भी शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन के मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। पुलिस मुख्यालय ने इसको लेकर सभी जिलों के एसपी को नए सिरे से आदेश जारी किया है।
बेवजह फायरिंग अपराध
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने सोमवार को बताया कि लाइसेंसी हथियार से बेवजह फायरिंग करना ही अपराध है। शस्त्र लाइसेंस सुरक्षा के लिए दिया जाता है न कि शादी समारोह या अन्य उत्सव पर फायरिंग करने के लिए। यह अपराध के दायरे में आता है। सभी जिला एसपी को स्पष्ट निर्देश है कि अगर कोई भी व्यक्ति बिना वजह फायरिंग करता या प्रभाव जमाने के लिए हथियार चमकाता दिखे तो अविलंब गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाए।
ऐसे शस्त्र चालकों को चिह्नित कर उनके हथियार का लाइसेंस रद करने की अनुशंसा की जाए। अगर शस्त्र का लाइसेंस नहीं है, तो उसकी अलग से प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। यह भी पता लगाया जाए कि अवैध हथियार और गोलियां कहां से मिलीं।
इसी तरह हर्ष फायरिंग के दौरान अगर किसी की मौत हो जाती है, तो हत्या की धारा में प्राथमिकी दर्ज होगी। घायल होने पर भी प्राथमिकी में अलग से धारा लगाकर कार्रवाई होगी।
अब आयोजकों पर भी कसेगा शिकंजा
हर्ष फायरिंग के मामले में अब आयोजकों पर भी शिकंजा कसेगा। शादी समारोह, जन्मदिन या अन्य समारोह के अवसर पर फायरिंग होने पर आयोजकों को भी जवाब देना होगा। अगर आयोजकों की भूमिका संदिग्ध होती है, तो उनपर भी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
हर्ष फायरिंग करने वाले के साथ उकसाने वालों पर भी कार्रवाई होगी। सभी थानों को स्पष्ट निर्देश है कि हर्ष फायरिंग का मामला सामने आते ही घटनास्थल पर जाकर गहन जांच करें। वीडियो फुटेज बरामद करें। समारोह में शामिल प्रत्यक्षदर्शियों का बयान दर्ज करें। आयोजकों से पूछताछ करें।
एडीजी जीएस गंगवार ने बताया कि हर्ष फायरिंग से सख्ती से निबटने के लिए आर्म्स एक्ट में भी बदलाव किया गया है। इसमें लाइसेंस रद होने का प्रविधान जोड़ा गया है। इसके साथ ही दोषी पाए जाने पर दो लाख का जुर्माना और एक साल की सजा का प्रविधान भी है।
इस मामले में एडीजी, पुलिस मुख्यालय, जीएस गंगवार का कहना है कि-
शस्त्र लाइसेंस पाने का मतलब फायरिंग करने का अधिकार मिलना नहीं है। बिना वजह अगर कोई लाइसेंसी हथियार से भी फायरिंग करता है, तो यह अपराध माना जाएगा। ऐसे मामलों में लाइसेंस तो रद होगा ही, प्राथमिकी भी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
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